हिमाचल में एमपीएलएडीएस फंड पर सांसद तल्ख

Saturday, May 30, 2015 - 10:38 AM (IST)

 धर्मशाला: मोदी सरकार के 1 साल के रिपोर्ट कार्ड में ''सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना'' (एमपीएलएडीएस) के तहत जारी होने वाली निधि के खर्च पर उठे सवाल पर राज्य के सांसद तल्ख दिख रहे हैं। सांसदों ने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था बिगड़ चुकी है। अधिकारी विकास कार्यों पर बिल्कुल गंभीर नहीं दिख रहे। उन्होंने कहा कि यह सबसे बड़ी वजह है कि एमपीएलएडीएस के तहत सांसदों को जारी होने वाली निधि का ढंग से विकास कार्यों में उपयोग नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के इस रवैये से इस निधि का दुरुपयोग बढ़ रहा है। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांगड़ा चंबा के सांसद शांता कुमार ने कहा कि राज्य के कई इलाकों में सांसदों द्वारा फंड के आबंटन के बावजूद समय पर सही तरीके से इम्लीमैंटेशन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि सांसदों को समय पर एमपीएलएडीएस फंड का अलॉटमैंट कर देना चाहिए। हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि अक्सर यह देखा जा रहा है कि बलॉक स्तर पर काम तेजी से खत्म नहीं हो रहा। इसके अलावा आपसी समन्वय में भी बहुत कमी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि इसमें सुधार की जरूरत है और राज्य सरकार को भी गंभीरता से इस पर नजर रखनी चाहिए, ताकि विकास कार्यों की गति तेजी से आगे बढ़ सके।

उधर, इस संबंध में मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा का कहना है कि एमपीएलएडीएस फंड के तहत आई अढ़ाई करोड़ रुपए की पिछली किस्त खर्च कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसकी दूसरी किस्त भी रिलीज हो जाएगी जिसे आगामी कुछ दिनों में खर्च कर देंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस योजना के तहत परस्पर सहयोग करना चाहिए, ताकि मैदानी स्तर पर  विकास कार्य तेजी से चल सकें।

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