चाहूं तो 7वीं बार भी मुख्यमंत्री बन जाऊं लेकिन अब इच्छा नहीं: वीरभद्र

Saturday, May 16, 2015 - 12:12 PM (IST)

मंडी: प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सरकाघाट में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर मैं चाहूं तो 7वीं बार भी प्रदेश का मुख्यमंत्री बन जाऊंगा मगर मेरी इच्छा नहीं है। अब युवाओं को मौका मिलना चाहिए। मैं राजनीतिज्ञ नहीं हूं लेकिन मैं हिमाचल का प्रथम सेवक हूं और सेवक समझकर ही काम करता हूं। मुझे जनता की सेवा से ही खुशी मिलती है। राजनीति मेरा पेशा नहीं है मैं वोट की राजनीति नहीं करता हूं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि मैं क्षेत्रवाद में विश्वास नहीं करता लेकिन जिसे प्रदेश को बांटने की राजनीति सीखनी हो वे लोग धूमल यूनिवर्सिटी में जाओ वहां उनको पूरा ज्ञान मिलेगा। अब क्षेत्रवाद का प्रचलन पंचायत चुनावों में भी चल पड़ा है जो घातक है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि आज विकास से ज्यादा प्रदेश में गरीबों का उत्थान जरूरी है। तरक्की की कोई सीमा नहीं है, आज सड़कें, स्कूल व पुल दे दिए कल लोग हैलीकॉप्टर भी मांगेंगे। सरकार सभी को नौकरी नहीं दे सकती, इसलिए गांव की मिट्टी से प्यार करो यही आपको रोजगार और भरपेट खाना देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाली देकर जंग नहीं जीती जाती, भाषण देकर सड़कें-पुल नहीं बनते। हमें आज आबादी पर नियंत्रण करना होगा, हम बच्चे ऐसे पैदा कर रहे हैं जैसे चूहे, ऐसे में सभी को रोजगार मिलना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा मेरी सरकार का लक्ष्य है कि गांव-गांव में आईटीआई खोली जाए ताकि बच्चे कुछ सीखकर कमाने लायक भी बनें। इसके लिए हम जल्द कौशल विकास निगम का गठन कर एक नीति के तहत बेराजगारी खत्म करने का प्रयास करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के मामले में मैं उदार हूं लेकिन प्रशासन के मामले में सख्त हूं। प्रशासन चलाने को मैं मिलिटरी की तरह काम करता हूं। मुख्यमंत्री ने एक सवाल पर कहा कि मैंने कहीं नहीं कहा कि कम किराए वाली बसें बंद कर दी जाएंगी लेकिन मेरा मानना है कि यह सेवा जनता के लिए है न कि मुनाफे के लिए है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश उन्हें मंजूर है और मैं इसका स्वागत करता हूं। मैं तो चाहता हूं कि मेरा एक भी फोटो अखबार व विज्ञापन में न छपे।

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