तकनीकी शिक्षा के नाम पर चल रहा गोरखधंधा : धूमल

Wednesday, May 13, 2015 - 09:13 AM (IST)

सोलन/अर्की: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी नए सत्र में तकनीकी शिक्षा से जुड़े विषय में दाखिला शुरू होता है, प्रदेश में तकनीकी शिक्षा में दाखिले को लेकर शैक्षणिक योग्यता में परसैंटेज निर्धारित कर दी जाती है जिस कारण छात्रों को दूसरे राज्यों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ और पहले परसैंटेज कुछ तय की गई और दाखिला तिथि से ठीक कुछ समय पहले इसे बदल कर कम कर दिया गया।

धूमल ने कहा कि जब उनके कार्यकाल में प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय व संस्थान खोले गए तो कांग्रेस ने खूब शोर मचाया कि भाजपा ने प्रदेश बेच दिया लेकिन सरकार बनते ही सरकार के मंत्री व अन्य प्रतिनिधि इन निजी विश्वविद्यालयों में जा-जाकर उनकी तारीफें करते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनन, भू, शराब, वन व ट्रांसफर माफिया सक्रिय है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार युवाओं के दम पर बनी थी। कांग्रेस ने चुनावों से पहले युवाओं को भत्ते देने का वायदा किया था लेकिन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 25 दिसम्बर, 2012 को कार्यभार संभालने के बाद कभी इन भत्तों को लेकर कोई बात ही नहीं की।

धूमल ने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास भत्ते को लेकर बड़े-बड़े बोर्ड लगाए गए हैं और सरकार के मंत्रियों द्वारा ही इसमें भ्रष्टाचार होने की बातें कही जा रही हंै। उन्होंने कहा कि इसमें कई बोगस कंपनियां भी कार्य कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कंडक्टर भर्ती के समय संबंधित मंत्री ने कहा था कि ट्रेनिंग के दौरान कंडक्टर को 1000 रुपए कौशल भत्ता दिया जाएगा लेकिन इस घोषणा के कुछ ही दिन बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कोई भत्ता कंडक्टरों को नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में शराब के ठेकों की नीलामी को लेकर फैसला लिया गया लेकिन कुछ दिन बाद शिमला में इस निर्णय को बदल दिया गया।

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