वीरभद्र ने रोके बाली की बेरोजगार पद यात्रा के कदम

Thursday, May 07, 2015 - 10:57 PM (IST)

शिमला: अपनी ही सरकार में परिवहन मंत्री जीएस बाली के विरोधी तेवरों को मसलने में इस बार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने काफी सक्रियता दिखाई है। इससे वीरभद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली जाकर हाईकमान के पास टीका-टिप्पणी करने वाले कांग्रेस के कुछ नेताओं को भी झटका लगा है। मुख्यमंत्री ने इस बार खुलकर मीडिया के समक्ष जीएस बाली द्वारा उठाए गए बेरोजगारी के सवाल का जवाब दिया है। उन्होंने प्रदेश के बेरोजगारों के लिए सरकारी क्षेत्र में 3000 पद भरने के फैसले पर मंत्रिमंडल की मुहर लगवा दी है। मंत्रिमंडल की इस महत्वपूर्ण बैठक में जीएस बाली शामिल नहीं हुए थे। जाहिर है कि बाली द्वारा आने वाले दिनों में प्रदेश में निकाली जाने वाली बेरोजगार पद यात्रा के कदमों को वीरभद्र सिंह ने फिलहाल बांध दिया है।

 

प्रदेश के अंदर मौजूदा सरकार के वक्त बेरोजगारों की संख्या बढऩे के आरोपों को भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने खुद खारिज किया है। प्रदेश में वास्तविक बेरोजगारों की संख्या मात्र 3 लाख 3 हजार का आंकड़ा जारी कर उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी को पछाडऩे की कोशिश की है। हालांकि प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने के लिए रोजगार कार्यालयों में कुल 8,92,988 लोग पंजीकृत हैं जिनमें से 2,87,399 हिमाचल सहित पड़ोसी राज्यों में निजी क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं जबकि 2 लाख के करीब बेरोजगार प्रदेश में ही कृषि और निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

 

सूत्रों की मानें तो जीएस बाली, वीरभद्र सिंह के मंत्रिमंडल में दूसरी बार स्थान पाने के बाद खुद को असहज महसूस करते आ रहे हैं। जेएनयूआरएम के तहत शहरी क्षेत्रों के लिए आई बसों के लिए स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया पर सरकार के कई मंत्री, सीपीएस, चेयरमैन और विधायक सवाल उठा चुके हैं। जिस कारण 23 विधायकों की शिकायत पर यह भर्ती प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई है। कंडक्टरों की भर्ती को स्किल डिवैल्पमैंट योजना से जोडऩे की परिवहन मंत्री की योजना को सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। इस प्रकार की वजह से बाली को दिल्ली दरबार का रुख करना पड़ा है।

 

बताया जा रहा है कि दिल्ली दौरे के दौरान बाली ने कांग्रेस हाईकमान के कुछ बड़े नेताओं के समक्ष सरकार के कामकाज और मुख्यमंत्री सहित कुछ मंत्रियों के विभागों की कार्यशैली के विषय पर फीडबैक दिया है। हालांकि वह वापस लौट आए हैं और दूरभाष पर उनकी बात मुख्यमंत्री के साथ होने की सूचना है। आने वाले दिनों में बाली मुख्यमंत्री से मिलकर इस विवाद को खत्म कर सकते हैं।

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