पड़ोसी राज्यों को बिजली बेचने को हिमाचल तैयार

Monday, Apr 27, 2015 - 11:20 PM (IST)

शिमला : गर्मी शुरू होने के बाद हिमाचल सरकार विद्युत उत्पादन बढऩे से ठीक पहले बिजली बेचने के लिए दूसरे राज्यों से करार करने में जुट गई है। अब तक दिल्ली के साथ ही 100 मैगावाट बिजली की खरीद के लिए करार हो चुका है। पंजाब सहित कुछ अन्य राज्यों से बिजली की बिक्री को लेकर बातचीत चल रही है।

जानकारी के अनुसार इस बार राज्य को कम से कम 4 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली के दाम मिलने की उम्मीद है। राज्य सरकार बिजली एक्सचेंज की बजाय टैंडर के माध्यम से बिजली को बेचना चाहती है। राज्य सरकार को इस समय बिजली की बिक्री से करीब 1,500 करोड़ रुपए की आय होती है। वहीं बिजली के दाम अच्छे मिलने पर यह आय बढ़ भी सकती है लेकिन दामों के गिरने से नुक्सान भी उठाना पड़ता है। बीते वित्तीय वर्ष के आरंभ में बिजली के दाम 2.50 रुपए से 3.15 रुपए प्रति यूनिट रहे जबकि बाद में 7 रुपए प्रति यूनिट तक भी बिजली बिकी।

बिजली की बिक्री के अलावा राज्य सरकार सर्दियों में पंजाब और हरियाणा सहित दूसरे राज्यों से ली गई उधार की बिजली को वापस लौटाएगा। बिजली लौटाने के साथ ही राज्य सरकार अलग से बिक्री भी करेगी। सर्दियों में नदियों और झीलों के जमने से प्रदेश में विद्युत उत्पादन गिर गया था जो अब ग्लेशियरों के पिघलने से उत्पादन बढने लगा है।

हिमाचल प्रदेश में इस समय करीब 9,433 मैगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। गॢमयों के समय हिमाचल प्रदेश के पास इसमें से करीब 800 मैगावाट सरप्लस बिजली रहती है, जिसे अन्य राज्यों को बेचा जाता है। इसके अलावा 3,490 मैगावाट विद्युत दोहन पर काम चल रहा है, साथ ही 2,623 मैगावाट की विद्युत परियोजनाएं कार्यान्वयन स्तर पर हैं जबकि 5,121 मैगावाट का अन्वेषण किया जा रहा है।

प्रधान सचिव ऊर्जा एसके बीएस नेगी का कहना है कि अब तक दिल्ली ही बिजली की खरीद को तैयार हुआ है। उन्होंने कहा कि बिजली के अच्छे दाम मिलें, इसके लिए पीक सीजन के दौरान टैंडर किए जाएंगे।

Advertising