टीसीपी एक्ट के खिलाफ ग्रामीणों ने फूंका बिगुल

Tuesday, Apr 21, 2015 - 06:57 PM (IST)

घुमारवीं: टीसीपी एक्ट के खिलाफ ग्रामीण किसान संघर्ष समिति व ग्रामीण लोगों ने बिगुल बजा दिया है। ग्रामीणों का यह क्रमिक अनशन 26 अप्रैल तक चलेगा। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक विधानसभा में इस एक्ट के रद्द होने का प्रस्ताव पारित करके राज्यपाल द्वारा इसे रद्द नहीं किया जाता तब तक प्रदेश सरकार द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों को सच नहीं माना जा सकता। एक्ट को निरस्त करने के लिए सरकार ने उचित निर्णय नहीं लिया तो क्रमिक अनशन को आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

मंगलवार को शुरू हुए क्रमिक अनशन के दौरान प्रभावित 14 पंचायतों के 62 गांवों के लोगों ने रैली निकाल टीसीपी एक्ट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया तथा स्वतंत्रता सेनानी स्मारक के पास क्रमिक अनशन पर बैठ गए। इस मौके पर पूर्व विधायक केडी धर्माणी व उनके साथ ग्रामीण विकास बैंक के पूर्व अध्यक्ष ठाकुर मोहर सिंह, अमर सिंह मौजूद रहे। क्रमिक अनशन के लिए समिति ने एसडीएम घुमारवीं राजीव कुमार के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, शहरी एवं ग्रामीण विकास मंत्री सुधीर शर्मा व जिला प्रशासन को पहले ही ज्ञापन सौंप दिया था तथा समिति के पदाधिकारियों ने प्रभावित पंचायतों के लोगों को एक्ट के बारे में जागरूक भी किया था। समिति के अध्यक्ष बृज लाल ने कहा कि राजनीतिक दल ग्रामीण लोगों को टीसीपी एक्ट के प्रति भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रकार की भ्रांतियां लोगों में न फैलाएं।

टीसीपी एक्ट लागू होने से ये होंगी परेशानियां
नगर व ग्राम योजना विभाग की स्वीकृति के बिना गांव का किसान अपनी जमीन को न ही बेच व खरीद सकते हैं और न ही लीज पर दे सकता है इसका तबादला भी नहीं हो सकेगा, गांव का कोई भी किसान अपना मकान, मवेशीखाने को नक्शे के बिना नहीं बना सकता है, किसानों को गांव में बिजली, पानी कनैक्शन लेने के लिए नगर व ग्राम योजना विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना पड़ेगा, लोगों को अपने मकानों का निर्माण सरकारी भूमि से व ग्रामीण सड़क से 5-5 मीटर जगह छोड़ कर ही निर्माण करना होगा, ग्रामीण क्षेत्रों से शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ेगा, ग्रामीण लोगों को शहरों की तरह हाऊस टैक्स, बिजली व पानी भी शहरों की तरह महंगी होगी।

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