कंडक्टर भर्ती विवाद : 3 मंत्री, 8 सीपीएस व 11 एमएलए ने सीएम को लिखा पत्र

Sunday, Apr 19, 2015 - 11:38 PM (IST)

शिमला: एचआरटीसी की तरफ से कौशल विकास भत्ते के तहत की जा रही भर्तियों का विवाद फिर से गहरा गया है। इस मामले पर प्रदेश सरकार में शामिल 3 कैबिनेट मंत्रियों, 8 मुख्य संसदीय सचिवों और 11 विधायकों ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। इन सभी ने कौशल विकास भत्ते के तहत भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है।

वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुधीर शर्मा, आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी, मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार, जगजीवन पाल, नंद लाल, इंद्र दत्त लखनपाल, मनसा राम, नीरज भारती, सोहन लाल और रोहित ठाकुर के अलावा विधायक कुलदीप कुमार, आशा कुमारी, संजय रत्न, यादवेंद्र गोमा, मोहन लाल ब्राक्टा, अजय महाजन, राम कुमार, बंबर ठाकुर, खूब राम, कर्ण सिंह और किशोरी लाल ने इस भर्ती पर आपत्ति जताई है।

कौशल विकास भत्ते के तहत की जा रही भर्ती का यह मामला विधानसभा के बजट सत्र में भी गूंजा था जिसमें हिलोपा विधायक महेश्वर सिंह और भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ने परिवहन मंत्री जीएस बाली की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। उनका आरोप था कि मौजूदा भर्ती प्रक्रिया के तहत कांगड़ा जिला के युवा हर जिला में जाकर कंडक्टर भर्ती के लिए आवेदन कर रहे हैं, इससे दूसरे जिले के युवाओं को भर्ती का अवसर नहीं मिलेगा। अब इसी तरह का मामला सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की तरफ से उठाया गया है। इसके अलावा कंडक्टरों की भर्ती संबंधी एक अन्य मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। 3 मंत्री, 5 सीपीएस और 11 विधायकों ने मुख्यमंत्री से उक्त भर्ती प्रक्रिया रद्द करने की मांग की है।

उधर, हिमाचल प्रदेश परिवहन मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष शंकर सिंह ठाकुर ने परिवहन मंत्री जीएस बाली को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 6 बार बस परिचालकों की भर्ती प्रक्रिया को रद्द किया जा चुका है, ऐसे में यह बात समझ से परे है कि मंत्री महोदय इस मामले में इतने लाचार क्यों नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर है कि सरकार बस परिचालकों की भर्ती प्रक्रिया को तुरंत पारदर्शी तरीके से अंजाम दे।

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