वृद्धजनों की एकीकृत योजना में होगा बदलाव : वीरभद्र

punjabkesari.in Friday, Apr 17, 2015 - 11:22 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय, भोजन और चिकित्सा देखभाल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से वृद्धजनों के लिए एकीकृत योजना (इंटीग्रेटिड स्कीम फॉर आेल्ड पर्सनज) में बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसमें गैर-लाभकारी संगठनों के सहयोग लेने पर भी विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के भारत में कार्यालय और इसके सहयोगी दिल्ली के आर्थिक विकास संस्थान एवं चंडीगढ़ के सीआरआरआईडी की तरफ से हिमाचल में वृद्धजनों की स्थिति के अध्ययन के संबंध में आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 10 प्रतिशत जनसंख्या 60 वर्ष अथवा इससे अधिक आयुवर्ग के लोगों की है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। विश्व बैंक ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में भी प्रदेश में वृद्धजनों की जनसंख्या में संभावित बढ़ौतरी को रेखांकित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश माता-पिता देखभाल अधिनियम लागू करने वाला देश का पहला राज्य है और इसके पश्चात अन्य राज्यों ने भी इस अधिनियम को अपने यहां लागू किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के साधारण एवं जटिल उपचारों के लिए ''मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना'' आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के सिपाहियों को दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाया गया है और प्रदेश सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय-समय पर सभी देय लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ''हिमाचल प्रदेश में वृद्धजनों की स्थिति पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा बनाई गई लघु फिल्म ''आइसोलेटिड विद-इन'' दिखाई गई। इससे पूर्व सीआरआरआईडी के पूर्व महानिदेशक प्रो$ एस$एस गिल ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और संगठन की तरफ से चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।


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