खेल विधेयक के कारण रद्द हुई थी आरसीए की मान्यता : धूमल

Thursday, Apr 09, 2015 - 11:48 PM (IST)

शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार खेल विधेयक को जल्दबाजी में लाई है। राजस्थान में खेल विधेयक बनने के बाद बीसीसीआई ने आरसीए की मान्यता रद्द कर दी थी। सरकार को इसे लाने से पहले प्रवर समिति को भेजना चाहिए था। विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति में भी विधेयक का जिक्र तक नहीं हुआ है।

धूमल ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि देश में राजस्थान में ही ऐसा खेल कानून है और वहां भी अदालत से नोटिस हुए हैं। ओलिम्पिक चार्टर भी खेल कानून के खिलाफ है। अंतर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक कौंसिल स्वायत्तता की पक्षधर है, सरकारीकरण की नहीं। उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि लोकसभा में भी उपाध्यक्ष अपने इलाके के सवाल को लेकर ही कभी बोलते हैं। विधानसभा उपाध्यक्ष यहां मुद्दों पर बोलते हैं। उनको सिर्फ अपने क्षेत्र के मुद्दों पर ही बोलना चाहिए।

धूमल ने कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष की बाहर बोलने पर देख लंूगा वाली टिप्पणी से विपक्ष खफा है। उन्होंने कहा कि सदन में वरिष्ठ सदस्य आमतौर पर ऐसे मामलों में सदस्यों को शांत करवाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश विधानसभा में भी स्व. ठाकुर राम लाल व जय बिहारी लाल खाची कई बार ऐसा कर चुके हैं।

Advertising