अपनानी होगी 21वीं सदी की सोच : मीरा कुमार

punjabkesari.in Sunday, Mar 29, 2015 - 10:35 PM (IST)

ऊना: समाज में जात-पात की दीवारें तभी ध्वस्त होंगी जब हम 21वीं सदी की सोच को अपनाएंगे। उक्त उद्गार लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने रविवार को मैहतपुर में बाबू जगजीवन राम चैरीटेबल व शैक्षणिक ट्रस्ट द्वारा ''सामाजिक न्याय के सूत्रधार : बाबू जगजीवन राम जी'' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सैमीनार में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए।

मीरा कुमार ने कहा कि समाज को टुकड़ों में बांटकर रखने से समाज कमजोर होता है। देश का जनतंत्र बराबरी के सिद्धांत पर आधारित है लेकिन बहुत से लोगों की सोच अभी भी 12वीं सदी की है। मीरा कुमार ने कहा उनके पिता बाबू जगजीवन राम जी राजनीतिक आजादी, आर्थिक समानता और सामाजिक मुक्ति के पक्षधर थे और यही उनके जीवन के 3 महत्वपूर्ण लक्ष्य थे जिनमें से राजनीतिक आजादी का लक्ष्य तो उन्होंने अपने जीवनकाल में हासिल कर लिया लेकिन बाकी दोनों लक्ष्यों को हासिल किया जाना अभी बाकी है। 

मीरा कुमार ने हिमाचल के साथ अपनी स्मृतियों को सांझा करते हुए कहा कि बचपन में वह अपने माता-पिता के साथ अक्सर हिमाचल आया करती थीं और हिमाचल के भोले-भाले शांतिप्रिय लोगों के साथ उनका भावनात्मक नाता है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को वह तब से जानती हैं, जब वह राजनीति में भी नहीं आई थीं। वीरभद्र सिंह जी 50 वर्ष से राजनीति में हैं और प्रदेश की जनता पर उनकी गहरी पकड़ है।

कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के दोनों काबीना मंत्रियों जीएस बाली व मुकेश अग्रिहोत्री की सराहना करते हुए मीरा कुमार ने कहा कि दोनों मंत्री गरीब व दलित वर्ग के उत्थान के साथ-साथ प्रदेश के विकास को आगे बढ़ा रहे हैं।  मीरा कुमार ने कहा कि मैहतपुर में डा. केआर आर्य व उनकी धर्मपत्नी डा. शकुंतला आर्य द्वारा बाबू जगजीवन राम जी के नाम पर संचालित ट्रस्ट गरीब लोगों व पीडि़त मानवता की सेवा के अलावा मूक, बधिर व मानसिक रूप से अक्षम बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में सराहनीय भूमिका निभा रहा है और उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री जी ने इस ट्रस्ट के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए 5 लाख रुपए देने की घोषणा की है।


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