निजी स्कूलों पर सीएम ने साधा निशाना

Saturday, Mar 28, 2015 - 10:29 PM (IST)

नाहन/पांवटा साहिब: राज्य के तथाकथित निजी स्कूल बस छात्रों को टिपटॉप बनाकर रखते हैं। टाई, बैल्ट लगवाते हैं लेकिन इन स्कूलों में ट्रेंड टीचर तक नहीं है। पांवटा प्रवास पर आए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जनसभा में निजी स्कूलों पर निशाना साधा। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ निजी स्कूल बेहतर शिक्षा दे रहे हैं लेकिन ज्यादातर ऐसा नहीं कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ निजी स्कूलों में तो जेबीटी, टीजीटी स्तर के भी शिक्षक नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज ऐसे बहुत से तथाकथित स्कूल चल रहे हैं। सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा दी जा रही है और क्वालीफाइड शिक्षक तैनात हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मेरे बेटे व बेटियां किसी से भी पीछे नहीं रहने चाहिए। हमें निजी स्कूलों का मुकाबला करना है। इसी कड़ी में प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी, हिंदी, गणित को पढ़ाया जाना अनिवार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर भी निशाना साधने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि अच्छे परिणाम देने वाले शिक्षकों के ही प्रमोशन होंगे अन्यथा ऐसे शिक्षकों के जो सही ढंग से छात्रों को नहीं पढ़ा रहे हैं और स्कूल आते हैं और चले जाते हैं उनकी प्रमोशन रोकी जाएगी। वीरभद्र सिंह ने कहा कि पूर्व में सरकार ने स्कूलों में परीक्षा लेना बंद कर दिया था। ग्रेडिंग के आधार पर छात्रों को अगली कक्षा में भेजा जाने लगा था लेकिन सरकार ने छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाए रखने के लिए 5वीं से 8वीं कक्षा के छात्रों के अंतर्मूल्यांकन करने के आदेश दिए हैं।

भाजपा पर उंगली उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा उन पर स्कूलों की रेबडिय़ां बांटने के आरोप लगाती रही है। उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश के हर हिस्से में स्कूलों की रेबडिय़ां बांटूगा और एक छात्र होने पर वहां स्कूल खोलंूगा। उन्होंने कहा कि विकास के मामले में उन्होंने कभी भेदभाव नहीं किया। प्रदेश में अभी तक 3 मैडीकल कालेज खोलने की घोषणा हुई है। प्रेम कुमार धूमल से उनके मतभेद हो सकते हैं लेकिन हमीरपुर की जनता से नहीं। उन्होंने कहा कि हमीरपुर को एक मैडीकल कालेज दिया गया है। इसके अतिरिक्त चम्बा व नाहन में एक-एक मैडीकल कालेज खुलेंगे। यहीं नहीं आगे चौथा मैडीकल कालेज मंडी के नेरचौक में खुलेगा।

उद्योगों में हिमाचली कम अन्य राज्यों के लोग ज्यादा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में करोड़ों रुपए का औद्योगिक निवेश हुआ है लेकिन यहां के उद्योगों में प्रदेश के युवाओं की संख्या अन्य राज्यों के लोगों से कहीं कम है। इस मामले में उद्योगपतियों से पूछा जाता है लेकिन उद्योगपतियों की ओर से जवाब मिलता है कि हिमाचली युवाओं के पास कौशल की कमी है। हिमाचली युवाओं में कौशल पैदा करने के लिए, कार्य करने की क्षमता पैदा करने के लिए उन्हें विभिन्न किस्म की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए उन्हें कौशल विकास भत्ता भी सरकार दे रही है। आज युवाओं को चाहिए कि वे अपने भीतर कार्य करने की क्षमता पैदा करें और कौशल में माहिर हों। कौशल विकास भत्ते के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए का बजट रखा है। युवाओं को ट्रेनिंग के लिए 20 से ज्यादा आईटीआई खोले जाएंगे। सरकार 2 आईआईटी कालेज खोलने का इरादा रखती है ताकि युवाओं को ट्रेनिंग के लिए बाहर न जाना पड़े।

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