रेणुका बांध भूमि मामला अब तक का सबसे बड़ा संगठित घोटाला : वीरभद्र

Friday, Mar 27, 2015 - 11:29 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने रेणुका बांध भूमि मामले को हिमाचल के गठन से लेकर अब तक का सबसे बड़ा संगठित घोटाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच के लिए बड़ा दल बनाना पड़ेगा।

पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घोटाले में किसानों को 2 तरह से ठगा गया। एक तो उन लोगों ने गरीब लोगों की भूमि को कौडिय़ों के भाव खरीदा जिन्हें यह मालूम था कि वहां पर बांध बनने वाला है तथा इसके दाम बढ़ेंगे। इसका वहां के गरीब लोगों को पता नहीं था। बाद में उन्होंने इस भूमि को ऊंचे दामों पर बेच दिया। दूसरा जब भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा था तो उस समय पेमैंट मिलने में देरी हो गई। इससे कुछ प्रभावशाली लोगों ने किसानों पर दबाव डाला कि वे उनके नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी बना दें। उन्होंने किसानों को इसके एवज में कुछ राशि अदा कर दी लेकिन बाद में जब पैसे मिले तो उन्होंने गरीब लोगों को बहुत कम राशि दी।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक अन्य सवाल के जवाब में  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बंदरों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध हो हटाने को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि सरकार बंदरों की समस्या के प्रति गंभीर है।

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