विशेष राज्य श्रेणी के दर्जे पर स्थिति स्पष्ट नहीं : वीरभद्र

Thursday, Mar 19, 2015 - 12:51 AM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से हिमाचल प्रदेश को विशेष राज्य श्रेणी के दर्जे को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद बजट में हर वर्ग को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया है। यदि केंद्रीय योजनाओं में अधिक राशि मिलती है तो लोगों के कल्याण पर खर्च किया जाएगा। इस बारे केंद्र सरकार से भी बात की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह बात राज्य विधानसभा में अपना बजट प्रस्तुत करने के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राज्य के कर्मचारियों को 58 साल के बाद अब एक साल का सेवा विस्तार देना सही नहीं  है और इसकी समीक्षा की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से मिलने वाली वित्तीय मदद राज्य सरकार के पास उपलब्ध संसाधनों के आधार पर बेहतर बजट तैयार करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के साथ कौशल विकास, ऊर्जा एवं पर्यटन के क्षेत्र पर भी ध्यान दिया गया है। पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि राज्य में वन क्षेत्र बढ़ा है और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। आवश्यकता के अनुसार शैक्षणिक संस्थान खोले जा रहे हैं। बिजली की बचत पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एलईडी बल्ब उपभोक्ताओं को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बजट में जनता पर किसी तरह का बोझ नहीं डाला गया है और वह जानते हैं कि लोग टैक्स देने की स्थिति में नहीं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों को नुक्सान पहुंचाने की स्थिति में बंदरों को मारने पर प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं वीरभद्र सिंह ने कहा कि अभी तक उनको रिसोर्स मोबलाइजेशन कमेटी की रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि यह कंटीन्यू प्रोसैस है जिस पर रिपोर्ट आने के बाद विचार किया जाएगा।

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