धूमल-एएन शर्मा के खिलाफ सरकार ने दी अभियोजन की मंजूरी

Wednesday, Mar 04, 2015 - 11:45 PM (IST)

शिमला: राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एएन शर्मा के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दे दी है। एएन शर्मा को री-इम्प्लायमैंट देने के मामले में यह मंजूरी दी गई है। इससे संबंधित फाइल राज्य सरकार ने विजीलैंस को भी भेज दी है।

 

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार 2 दिन पूर्व ही संबंधित फाइल विजीलैंस मुख्यालय को भेजी गई है। हालांकि विजीलैंस के अधिकारी इस मामले में अभी कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। उक्त मामले में विजीलैंस ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, पूर्व आईएएस अधिकारी पीसी कपूर, पूर्व आईपीएस अधिकारी एएन शर्मा सहित एक अन्य अधिकारी को आरोपी बनाया है। हालांकि अभी 2 अन्य रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन मंजूरी का मामला कार्मिक विभाग के पास लंबित पड़ा हुआ है।

 

सूत्रों के अनुसार संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी अभियोजन की मंजूरी मिलने पर ही विजीलैंस उक्त मामले को लेकर अदालत में चालान पेश करेगी। प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एएन शर्मा के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी संबंधी फाइल विजीलैंस को भेजे जाने की पुष्टि की है।

 

वर्ष 2007 में एएन शर्मा ने सरकार से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी जिस पर सरकार ने भी उनका आवेदन स्वीकार किया। उस समय वह नादौन विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी के लिए टिकट की दौड़ में शामिल थे। हालांकि बाद में उन्हें पार्टी टिकट नहीं मिल पाया। इसके बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी ने सरकार के पास री-इम्प्लायमैंट के लिए आवेदन किया, जिसे भाजपा सरकार ने स्वीकार किया। आरोप है कि उक्त सेवानिवृत्त अधिकारी को नियमों के विपरीत री-इम्प्लायमैंट दी गई। विजीलैंस इस मामले में सभी तथ्यों को खंगाल चुकी है। इसके बाद ही ब्यूरो ने उक्त मामला अभियोजन की मंजूरी के लिए सरकार को भेजा था।

 

विजीलैंस ने आईपीएस अधिकारी एएन शर्मा को री-इम्प्लायमैंट देने के मामले में सरकार से चालू वर्ष के शुरूआत में अभियोजन की मंजूरी मांगी थी। इसके बाद सरकार ने संबंधित फाइल राज्यपाल को भेजी थी लेकिन राज्यपाल ने कुछ सवाल खड़े कर फाइल को वापस लौटा दिया था। इसी कड़ी में सरकार ने अब अभियोजन मंजूरी की फाइल विजीलैंस को भेज दी है। सूत्रों के अनुसार कानूनी राय और अन्य सभी पहलुओं को खंगालने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।

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