हिमानी चामुंडा रोप-वे की कवायद शुरू

Monday, Mar 02, 2015 - 01:05 AM (IST)

योल: मां चामुंडा नंदिकेश्वर धाम से आदि हिमानी चामुंडा मंदिर तक रोप-वे के निर्माण की कवायद जमीनी स्तर पर आरंभ हो गई है। प्रस्तावित रोप-वे के निर्माण के लिए रविवार को गाजियाबाद की एक कंपनी की टीम ने 2 विदेशी इंजीनियरों के साथ मिलकर चामुंडा मंदिर के पास प्रस्तावित साइट का दौरा कर तकनीकी पहलुओं को परखा, साथ ही कंपनी की टीम ने हिमानी चामुंडा तक जाने वाले मार्ग की ओर भी कूच किया लेकिन खराब मौसम के चलते टीम आधे मार्ग तक ही जा सकी।

 

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गाजियाबाद की उषा ब्रेको लिमिटेड के सीनियर जनरल मैनेजर मनोज पंवर और प्रोजैक्ट मैनेजर संजीव धारीवाल सहित 2 विदेशी इंजीनियरों की टीम ने मां चामुंडा मंदिर के लंगर भवन के पास स्थित साइट का गहन निरीक्षण किया और प्रस्तावित हिमानी चामुंडा रोप-वे के लिए इस स्थान को एकदम उपयुक्त बताया है। टीम ने मंदिर प्रशासन के साथ मिलकर रोप-वे के निर्माण से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की।

 

जानकारी मिली है कि यह टीम सोमवार को मौसम साफ रहा तो आदि हिमानी चामुंडा मंदिर का रुख कर रोप-वे के निर्माण का प्राथमिक ब्लूङ्क्षप्रट तैयार करने की कवायद को अंजाम दे सकती है। मंदिर अधिकारी गिरिजेश चौहान ने पुष्टि करते हुए बताया कि मां चामुंडा मंदिर से आदि हिमानी चामुंडा मंदिर रोप-वे का निर्माण विदेशी इंजीनियरों की तकनीकी मदद से किया जाएगा, जिसके लिए निजी कंपनी की टीम ने मंदिर के निकट साइट को तकनीकी तौर पर सही पाया है। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा ब्लूङ्क्षप्रट तैयार करने के बाद रोप-वे का निर्माण कार्य शुरू होने की पूरी उम्मीद है।

 

दुर्गम है हिमानी चामुंडा की यात्रा
धौलाधार की चोटी पर स्थित माता आदि हिमानी चामुंडा मंदिर तक जाने का मार्ग अति दुर्गम है। वर्तमान में यह यात्रा पैदल ही तय करनी पड़ती है और आने-जाने में एक दिन का समय लग जाता है। सॢदयों में बर्फबारी होने पर मंदिर तक पहुंचने का मार्ग बंद हो जाता है। बीते साल आग लगने से माता हिमानी चामुंडा मंदिर राख हो गया था, जिसके बाद अब मंदिर के पुनॢनर्माण के लिए मंदिर प्रशासन ने नया प्लान तैयार किया है और इस साल गॢमयों में मंदिर का नए सिरे से निर्माण शुरू हो जाएगा।

 

हैलीकॉप्टर सेवा अधर में लटकी
साल 2014 में माता चामुंडा से आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के लिए जिनी कंपनी द्वारा हैलीकॉप्टर सेवा भी शुरू की गई थी जोकि कुछ समय बाद ही बंद हो गई। बताते हैं कि हैलीकॉप्टर सेवा का किराया अधिक होने के कारण लोगों ने इसमें उत्साह नहीं दिखाया, जिस कारण कंपनी को वापस लौटना पड़ा। कंपनी ने कई बार यह सेवा दोबारा शुरू करने की बात कही लेकिन आज साल बीतने के बाद भी हैलीकॉप्टर सेवा शुरू नहीं हो सकी है। डाढ़ में बनाया गया हैलीपैड आज आवारा पशुओं का आश्रय स्थल बन चुका है।

 

शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि आदि हिमानी चामुंडा तक रोप-वे बनाने को कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद सरकार ने रोप-वे के जल्द से जल्दनिर्माण के लिए कवायद शुरू कर दी है, जिसके तहत विदेशों से भी तकनीकी मदद ली जाएगी। रोप-वे के निर्माण से पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।

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