हिमाचल में 1117 सरकारी स्कूल एक शिक्षक के सहारे

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2015 - 07:26 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्रारंभिक स्तर के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी चल रही है। यू-डाइस रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। राज्य के 1117 सरकारी स्कूल एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। इसमें 943 प्राइमरी, 172 मिडल और 2 सैकेंडरी स्कूलों में सिर्फ 1-1 अध्यापक है। समस्या यह है कि 1 शिक्षक 3 से 5 कक्षाओं को कैसे संभाले। 

 

6786 स्कूलों में 2-2 शिक्षक हैं। इसमें 6570 प्राइमरी, 208 मिडल व 8 सैकेंडरी हैं। 3 शिक्षकों की संख्या वाले स्कूलों में 1911 प्राइमरी, 496 मिडल, 37 सैकेंडरी और 2 सीनियर सैकेंडरी हैं। 1232 प्राइमरी स्कूल, 1321 मिडल, 284 सैकेंडरी व 83 सीनियर सैकेंडरी में 4-6 शिक्षक हैं। 7-10 शिक्षकों की श्रेणी में 49 प्राइमरी, 3 मिडल, 501 हाई व 238 सीनियर सैकेंडरी हैं। 6 प्राइमरी, 12 हाई व 454 सीनियर सैकेंडरी स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षकों की संख्या 11-15 है। प्राइमरी स्तर पर शिक्षकों की कमी से जहां विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं अध्यापक को भी अतिरिक्त काम का बोझ झेलना पड़ रहा है, ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बिना शिक्षक सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा देने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा।

 

आरटीई के तहत हर स्कूल के लिए शिक्षकों की संख्या विद्यार्थियों की इनरोलमैंट के अनुसार निर्धारित की गई है। हालांकि बीते दिनों मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर स्कूल में कम से कम 2 शिक्षक की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। इससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होने की उम्मीद जगी है, ऐसे में अब देखना यह है कि सरकार कितनी जल्दी शिक्षकों की तैनाती करती है।

 

आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 25827 शिक्षक सिर्फ प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ा रहे हंै जबकि 17961 अप्पर प्राइमरी कक्षाओं, 8182 सैकेंडरी और 11987 शिक्षक सीनियर सैकेंडरी कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं। 561 शिक्षक ऐसे भी हैं जो अप्पर प्राइमरी व सैकेंडरी कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं जबकि 178 शिक्षक सैकेंडरी व सीनियर सैकेंडरी कक्षाओं को पढ़ा रहे हंै। इस तरह प्रदेश में इस समय पहली से 12वीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों में 64,696 शिक्षक सेवारत हैं। इनमें 41,116 पुरुष व 23,580 महिला शिक्षक शामिल हैं। 

 

इस मामले पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अशोक शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि युक्तिकरण से भी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा।


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