गुरु घंटाल की पहाडिय़ों से गिरे हिमखंड, 4 ढाबे क्षतिग्रस्त

punjabkesari.in Saturday, Feb 28, 2015 - 07:14 PM (IST)

केलांग: लाहौल घाटी के तांदी पुल के पास गुरु घंटाल की पहाडिय़ों से हिमखंडों के लुढ़कने से 4 ढाबे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और तुकचिलिंग का प्राचीन गोम्पा हिमखंड की चपेट में आने से बाल-बाल बच गया है। इसका पता शुक्रवार रात को तब चला जब गौशाल व तांदी पंचायत में 10 दिनों बाद फोन व बिजली बहाल हुई। लाहौल घाटी में रिकार्डतोड़ बर्फबारी ने सारी व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया है। एक गांव का दूसरे गांव के साथ संपर्क तक नहीं है।

 

बिजली विभाग के कारगा सब स्टेशन व तांदी-मालंग गांव में कार्यरत लाइनमैनों के प्रयासों से शुक्रवार रात को बिजली बहाल होते ही गौशाल गांव के सरवण कुमार ने हिम स्खलन से होने वाली तबाही की सूचना दी। प्रत्यक्षदर्शी सरवण कुमार ने बताया कि गौशाल गांव के सोहन सिंह, किशन, ओम प्रकाश तथा रत्न का चाय का ढाबा जो तांदी पुल के पास था, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है और हिमखंडों का पहाड़ खड़ा हो गया है। हिमखंड से तुकचिलिंग गोम्पा बाल-बाल बच गया है और वहां रह रहे बौद्ध भिक्षु सुरक्षित हैं।

 

गौशाल पंचायत के प्रधान देव प्रकाश ने गौशाल गांव के मकान मालिकों के 4 ढाबे क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की है और उन्होंने लगभग 10 लाख का नुक्सान होने की बात कही है। देव प्रकाश ने बताया कि तांदी पुल और पैट्रोल पम्प के बीच भी करीब आधे किलोमीटर क्षेत्र में भारी हिम स्खलन हुआ है और गौशाल पुल के ऊपर भी हिमखंडों के बर्फ का ढेर लग गया है। उन्होंने बताया कि पुल को कोई नुक्सान नहीं हुआ है लेकिन लोगों को हिमखंड से लदा पुल पार करने में कठिनाई हो रही है।

 

शनिवार शाम को खबर लिखे जाने तक घाटी के अन्य स्थानों गवाजंग, तिंदी, मयाडऩाला, जोबरंग, थिरोट तथा लिंगर से भी पहाड़ों से हिमखंडों के गिरने की सूचना मिली है। जाहलमा नाला तथा जोबरंग पुल के बीच शुक्रवार को जोबरंग के भान्टी तथा दारा पहाडिय़ों से हिमखंड गिरने से चिनाब नदी जाम हो गई थी लेकिन कुछ घंटों के बाद बहाव सामान्य होने की सूचना जिला प्रशासन से प्राप्त हुई है।


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