मनरेगा बजट पर गुमराह कर रहे वीरभद्र : धूमल

punjabkesari.in Sunday, Feb 15, 2015 - 11:10 PM (IST)

शिमला: नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर मनरेगा बजट को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विभागीय असफलता के चलते समय पर मनरेगा का लेबर बजट न मिलने का ठीकरा मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार पर फोडऩे का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व यूपीए सरकार की तरफ से रोकी गई हिमाचल प्रदेश की कई योजनाआें को वर्तमान एनडीए सरकार ने मंजूरी प्रदान की है। 

 

धूमल ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत लेबर बजट के लिए यूपीए सरकार के दौरान हिमाचल प्रदेश को 7 किस्तों में 477 करोड़ रुपए मिले थे जिसमें 10 फरवरी, 2014 तक 341 करोड़ रुपए मिले थे। इसके विपरीत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 5 फरवरी, 2015 तक केन्द्र सरकार हिमाचल प्रदेश के लिए 355$ 42 करोड़ रुपए स्वीकृत कर चुकी है, एेसे में केन्द्र पर उंगली उठाना गलत है।

 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में कुछ प्रदेशों में मनरेगा में धन के दुरुपयोग संबंधी शिकायतों के चलते लेबर बजट की किस्त जारी करने से पहले किसी भी कार्य के 60 फीसदी पूरा होने की रिपोर्ट ऑनलाइन मंगवानी शुरू कर दी थी। ऐसे में जिन जगहों पर यह रिपोर्ट समय से नहीं भेजी जा रही है, वहां मनरेगा में कार्यरत लोगों को समय पर पारिश्रमिक का भुगतान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में केन्द्र सरकार को दोषी ठहराना गलत है।

 

प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि केन्द्र सरकार के साथ अच्छे संबंध न होने के कारण वीरभद्र सरकार 2 वर्षों में प्रदेश के लिए कोई भी विशेष आॢथक सहायता ला पाने में नाकाम साबित रही है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मामलों में भी हिमाचल के लिए धन में वृद्धि की गई है। जेएनएनयूआरएम में भी प्रदेश को आशा अनुरूप सहायता मिली है। इसके अतिरिक्त एम्स और सीमा से लगते क्षेत्रों में सड़क के आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए भी सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। एेसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह केन्द्र पर अनर्गल आरोप लगाने की बजाय खुले दिल से केन्द्र सरकार की सराहना करें।


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