किसानों ने फूंकी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की प्रतियां

punjabkesari.in Sunday, Feb 01, 2015 - 01:20 AM (IST)

धर्मशाला: हिमाचल किसान सभा कांगड़ा जिला इकाई ने शनिवार को कचहरी अड्डा में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध स्वरूप अध्यादेश की प्रतियां जला कर अपना रोष व्यक्त किया। किसान सभा के पदाधिकारियों का कहना है कि यह भूमि अधिग्रहण अध्यादेश बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों द्वारा संचालित की जाने वाली पीपीपी मॉडल के तहत बड़ी परियोजनाओं के हक में लिया गया फैसला है तथा इस अध्यादेश से छोटे व मझौले किसानों को कोई लाभ नहीं होगा।

 

पदाधिकारियों का कहना है कि इस अध्यादेश के माध्यम से छोटे व मझौले किसानों से जोर-जबरदस्ती से केंद्र सरकार द्वारा जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाएगा। पूरे देश में 235 प्रस्तावित सेहज में से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 224 सेहज को क्रियान्वित करने के लिए मंजूरी दे दी गई है और इन प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए 7,00,122 हैक्टेयर जमीन छोटे तथा मझौले किसानों से छीनने की तैयारी है। ऐसा कानून 1884 में आजादी से पहले बना था कि जब मर्जी जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाए परन्तु किसानों तथा जनवादी ताकतों के दबाव के चलते 2013 में इस कानून में संशोधन किया गया था कि 70 प्रतिशत किसानों की सहमति होगी, तभी भूमि अधिग्रहण किया जाएगा और मुआवजा भी किसानों की सहमति के आधार पर तय किया जाएगा।

 

इस प्रक्रिया के तहत हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा और सोलन में 2 प्रस्तावित सेहज की मंजूरी मिल चुकी है। विरोध प्रदर्शन के दौरान हिमाचल किसान सभा कांगड़ा जिला इकाई के पदाधिकारियों ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा एक अध्यादेश के जरिए पास किए गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की प्रतियां जला कर किसान सभा विभिन्न ब्लाकों में अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कर रही है।

 

धर्मशाला में हुए विरोध प्रदर्शन में बालकृष्ण, कर्म चंद, राजकुमार शर्मा, विधि चंद, संजय कुमार, बलवंत सिंह, महेंद्र सिंह, ओम प्रकाश, सुरेश कुमार, हंस राज, राजेश कुमार, श्रवण कुमार व पूर्व चंद और किशोरी लाल आदि मौजूद रहे। वहीं पालमपुर उपमंडल के तहत भवारना ब्लॉक इकाई किसान सभा के सदस्यों सतपाल सिंह, सुरेश कुमार, केवल कुमार, राजकुमार, संजय कुमार व सावित्री देवी ने मैंजा रोड में भू अधिग्रहण कानून की प्रतियां जलाकर विरोध किया।


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