हीरापुर में सफाई के नाम पर उखाड़ डाले पेड़

Thursday, Jan 29, 2015 - 01:08 AM (IST)

करलोटी: एक तरफ प्रदेश सरकार पर्यावरण के संरक्षण हेतु कई योजनाओं पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है तो दूसरी तरफ पंचायत जनप्रतिनिधि सरकार के अथक प्रयास की परवाह न करते हुए सभी कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए न केवल पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं बल्कि उस दुर्लभ प्रजाति के पेड़-पौधों के बीज का नाश करने की कवायद को अंजाम देने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।

 

ऐसा ही मामला विकास खंड झंडूता की ग्राम पंचायत हीरापुर में सामने आया है। जहां करीब 2 माह पूर्व नाले को साफ करने के नाम पर कई हरे-भरे पेड़-पौधों की बलि चढ़ा दी है। उनको जेसीबी के माध्यम से उखाड़ दिया है। इससे पहले उन पेड़ों और झाडिय़ों पर कुल्हाड़ी चलाई गई है और जिन पेड़ों के ठूंठ सामने दिखाई पड़ रहे थे उनको मिट्टी से ढक दिया गया है।

 

ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत हीरापुर के प्रधान द्वारा औहर से आधा किलोमीटर की दूरी पर समोह से औहर की ओर नाले में जेसीबी लगाकर जो मिट्टी नाले को साफ करने की मंशा से उठाई गई है उसमें कई दुर्लभ प्रजाति के चंदन, तुनी व खैर सहित अन्य प्रजाति के पेड़-पौधों को उखाड़ दिया है। इतना ही नहीं नाले से मिट्टी उठाने से पहले करीब 100 मीटर के हिस्से से बहुमूल्य इमारती लकड़ी के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला डाली। उन्होंने पंचायत प्रधान पर पर्यावरण को दूषित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पेड़ों को काटने की विभाग से अनुमति लिए बिना ही इस गैर-कानूनी कार्य को अंजाम दिया गया।

 

ग्रामीणों का कहना है कि इस गैर कृत्य को छिपाने के लिए प्रधान द्वारा काटे गए पेड़ों के ठूंठ पर मिट्टी के ढेर लगा दिए गए ताकि विभाग की आंखों में धूल झोंकी जा सके। उन्होंने इस गैर-कानूनी कृत्य की शिकायत विभाग से की लेकिन शिकायत के बावजूद विभाग का हरकत में न आना साफ संकेत दे रहा है कि प्रभावशाली व्यक्ति पर कार्रवाई करने से विभाग भी किनारा कर रहा है।

 

इस संबंध में औहर पंचायत के प्रधान देसराज का कहना है कि यह सारा काम सड़क निर्माण कार्य के चलते मिट्टïी नाले में डाल दी गई थी। इस कारण औहर-भजवाणी के लिए ग्रेविटी सिंचाई योजना प्रभावित हो गई थी। जहां पर मिट्टी निकाल कर फैंकी गई है वहां न तो कोई बहुमूल्य इमारती लकड़ी का पेड़-पौधा था और न ही वहां कुल्हाड़ी चलाई गई है। वहां केवल झाडिय़ां थीं। उधर, हीरापुर पंचायत के प्रधान सुरेंद्र पाल का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई भी गलत कार्य नहीं किया है।

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