कर्मठता के लिए जाने जाते थे परमार : वीरभद्र

Saturday, Jan 24, 2015 - 10:56 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला परिसर में हिमाचल निर्माता एवं प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि शिक्षित समाज विकास का आधार होता है, इसलिए प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 82 महाविद्यालय हैं और इस वित्त वर्ष के दौरान 16 नए महाविद्यालय खोले गए हैं।

 

वीरभद्र सिंह ने कहा कि एचपीयू देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक है। उन्होंने विद्याॢथयों और विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए तत्पर रहते हुए अपने कार्य व संस्था के प्रति हमेशा समर्पित रहे। वीरभद्र सिंह ने कहा कि डा. यशवंत सिंह परमार  ईमानदारी, मेहनत और कर्मठता के लिए जाने जाते थे, उन्हीं के अथक प्रयासों से हिमाचल का निर्माण हुआ और पूर्ण राज्यत्व का दर्जा प्राप्त हुआ। डा. परमार के यशस्वी व्यक्तित्व, दूरदर्शी सोच एवं कुशल नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश ने प्रगति के नए आयाम स्थापित किए। उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश में आशातीत विकास हुआ और 22 जुलाई, 1970 को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।

 

इस दौरान कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी ने मुख्यमंत्री से विश्वविद्यालय को और अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला में कार्यरत राजनीतिक विज्ञान के आचार्य डा. राजेन्द्र अत्री ने डा. यशवन्त सिंह परमार के जीवन पर लिखित पुस्तक भी भेंट की। वीरभद्र सिंह ने डा. परमार की प्रतिमा को बनाने वाले मूर्तिकार सुनील दत्त गौतम और शीतला देवी गौतम को भी सम्मानित किया।

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