मिड-डे मील वर्कर्ज व वाटर गार्ड्स का जिलाधीश कार्यालय में प्रदर्शन

Thursday, Jan 22, 2015 - 07:19 PM (IST)

बिलासपुर: चंगर एरिया उठाऊ सिंचाई योजना में कार्यरत कर्मचारियों व मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन एटक ने आज अपनी मांगों को लेकर जिलाधीश कार्यालय परिसर में पूर्व विधायक केके कौशल की अगुवाई में प्रदर्शन किया। इसके बाद जिलाधीश बिलासपुर मानसी सहाय ठाकुर के माध्यम से मिड-डे मील वर्कर्ज ने एक ज्ञापन भी प्रेषित किया।

 

ज्ञापन में कमलेश, सीमा, संतोष, सरोज कुमारी, बीना देवी, गीता देवी, करतारी देवी, बिमला देवी, सुनीता, बिमला, कुलदीप, जसविंद्र कौर, कमला देवी, कुसुमलता व ममता आदि ने कहा है कि मिड-डे मील वर्कर्ज स्कूलों में सुबह से शाम तक खाना बनाने का कार्य करते हैं। उन्हें मेहनताने के रूप में केवल एक हजार रुपए दिए जा रहे हैं जोकि महंगाई के इस जमाने में ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि यदि यही काम दिहाड़ी पर करवाना हो तो खाना बनाने वाला 500 रुपए दिहाड़ी लेगा। इनका कहना है कि सुबह से शाम तक स्कूल में रहने के कारण वह कोई अन्य काम भी नहीं कर पाते। ज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि मिड-डे मील वर्कर्ज को दैनिक भोगी वर्कर के समान वेतन दिया जाए ताकि वे अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण सही ढंग से कर सकें।

 

वहीं चंगर उठाऊ सिंचाई योजना में कार्यरत वाटर गार्ड्स ने जिलाधीश को दिए ज्ञापन में कहा है कि वे इस योजना में शुरू से काम कर रहे हैं लेकिन योजना के नए ठेकेदार ने उन्हें काम से हटा दिया है जिस कारण उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने मांग की है कि उठाऊ सिंचाई योजना चंगर के अधिशासी अभियंता को उन्हें दोबारा काम पर रखने के आदेश दिए जाएं ताकि वे अपना तथा अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें। उन्होंने ठेका प्रथा को बंद करने की वकालत भी की है। इससे पहले इन लोगों ने श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर बिलासपुर से लेकर जिलाधीश कार्यालय तक एक रैली भी निकाली, जिसमें ठेका प्रथा बंद करने और मिड-डे मील वर्कर्ज को दैनिक भोगी कर्मचारी बनाने की मांग की। इस अवसर पर एटक के प्रदेश उपप्रधान प्रकाश कांत, प्रवेश चंदेल, केश पठानिया, लेख राम वर्मा, देस राज व भाग सिंह चौधरी भी उपस्थित थे।

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