अब नहीं देनी होगी बिजली के बढ़े लोड की जानकारी

punjabkesari.in Thursday, Jan 08, 2015 - 11:16 PM (IST)

धर्मशाला: बिजली बोर्ड के झटकों से परेशान प्रदेशवासियों को उस वक्त बड़ी राहत मिली जब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने विद्युत विभाग द्वारा इलैक्ट्रिक पावर प्वाइंट्स के लिहाज से उगाही जा रही सिक्योरिटी फीस पर रोक लगा दी। मुख्यमंत्री ने धर्मशाला में ऐलान किया कि अब बिजली बोर्ड अगले आदेशों तक किसी भी तरह की कोई भी उगाही किसी भी योजना के तहत नहीं करेगा। मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग को तुरंत प्रभाव से इस काम को रोकने के आदेश थमा दिए।

 

यह तोहफा भी अचानक उस वक्त प्रदेश की जनता को मिला जब मुख्यमंत्री बुधवार को धर्मशाला के प्रयास भवन में ओबीसी कल्याण बोर्ड की बैठक में थे। जानकारी के मुताबिक बैठक में अचानक परिवहन मंत्री जी.एस. बाली पहुंचे और लीक से हट कर जनता में गरमाए इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के सामने रख दिया।

 

जीएस बाली ने बिजली विभाग की इस कवायद पर सवाल उठाते हुए कहा कि वालंटरी डिसक्लोजर स्कीम के तहत विभाग हर घर में लोड का पता लगा कर जिस तरह से सिक्योरिटी के नाम पर भारी-भरकम राशि जनता से उगाह रहा है, उससे जनता में भारी गुस्सा है। जीएस बाली ने जनता द्वारा दिए जा रहे विभिन्न तर्कों को जब मुख्यमंत्री के सामने रखा तो मुख्यमंत्री ने भी जनता के रुख पर सहमति की मुहर लगा दी और इस अभियान को तुरंत रोकने के आदेश जारी कर दिए।

 

जानकारी के मुताबिक अब इस ताजा फैसले के बाद प्रदेश में किसी भी तरह की कोई वसूली नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि बिजली विभाग हर घर से यह जानकारी जुटा रहा था कि घर में कितने पावर प्वाइंट हैं और नई जानकारी के हिसाब से इलैक्ट्रिक लोड के आधार पर नई सिक्योरिटी राशि वसूल रहा था। इसके चलते करोड़ों रुपए का राजस्व महकमे ने जमा भी कर लिया गया बताया जाता है।

 

ताजा आदेशों के चलते अब पैसा जमा करवा चुके लोगों का पैसा तो वापस नहीं होगा मगर बाकी बची आबादी को अब यह रकम जमा नहीं करवानी होगी। जानकारी के मुताबिक अकेले धर्मशाला डिवीजन में ही अब तक 42 लाख रुपए जमा करवाए जा चुके हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों की मानें तो यह अभियान भविष्य में विद्युत व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए जरूरी था। इससे यह पता लग जाना था कि अगर कहीं ट्रांसफ ार्मर बदलना है तो वहां मौजूदा वक्त में लोड कितना है मगर इस बात का जवाब नहीं है कि इसके लिए पैसों की वसूली क्यों जरूरी रही?

 

मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद वालंटरी डिसक्लोजर स्कीम की प्रक्रिया को रोक दिया गया है तथा अब कोई जानकारी और लोड के मुताबिक फीस नहीं ली जाएगी। 
नरेंद्र चौहान, कार्यकारी अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड


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