जख्म पर मरहम पट्टी करने से हो सकता है नुकसान!
punjabkesari.in Wednesday, May 25, 2016 - 02:50 PM (IST)

नई दिल्लीः हम लोग आजकल अपनी सेहत को लेकर काफी जागरूक रहते हैं। हल्की सी चोट लगने पर या घाव से खून निकलने पर सबसे पहले डॉक्टर के पास मरहम पट्टी कराने दौड़ जाते हैं लेकिन हर बार ड्रैसिंग कराना उतना कारगर साबित नहीं होता और इससे जख्म भी देर से भरता है।
यह बात ब्रिटिश मैडीकल जर्नल (बीएमजे) के अनुसंधानकर्त्ताओं का कहना है कि हाल ही में सर्जरी के बाद जख्म की ड्रैसिंग को लेकर एक प्रयोग किया गया जिसमें पाया गया कि कई बार ड्रेसिंग घाव के इंफैक्शन को रोकने के बजाए सिर्फ मरीज को ध्यान में रखकर कर दी जाती है।खुले हुए घाव को देखकर पेशेनट परेशान हो जाता है। उसे यह एहसास करवाया जाता है कि ड्रेसिंग से खून के रिसाव को रोक दिया गया है। जख्म पर पट्टी बांधने के एक और भी कारण है कि इसको दोबारा चोट लगने से बचाया जा सके है।
अनुसंधानकर्त्ताओं का कहना है कि मरहम पट्टी के कारण कई बार जख्म देरी से भरता है जबकि खुला घाव प्राकृतिक रूप से जल्दी ठीक हो जाता है। उन्होंने बताया कि घाव को बिना ड्रैसिंग के खुला छोड़ दिया जाए तो ड्रैसिंग के अंदर जख्म की क्या हालत होगी, इस अनुमान से बचा जा सकता है।
सर्जरी के बाद विशेषकर बच्चों के घाव को अगर नहीं ढका जाए तो ड्रैसिंग हटाने के दौरान होने वाले दर्द से बचा जा सकता है। अगर इस पर होने वाले खर्च की बात की जाए तो सर्जरी के बाद ड्रेसिंग करवाना काफी महंगा होता है। इस पर होने वाले इतने मंहगे उपचार को लेकर शोधकर्ता कम लागत की ड्रेसिंग करवाने की सलाह देते हैं।