Coronavirus : कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक इलाज जानें योग गुरु बाबा रामदेव से

Thursday, Mar 05, 2020 - 10:11 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक इलाज : विश्व भर में कोरोना वायरस का कहर बरस रहा है। कोरोना के कारण हजारों लोगों की जानें जा चुकी हैं। अब ये भारत में भी प्रवेश कर गया है। भारतीय भी डर के साय में जीने को मजबूर हैं। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए योग गुरु स्वामी रामदेव ने देसी इलाज बताए हैं। उनका मानना है की इसे योग और आयुर्वेद के द्वारा रोका जा सकता है। इसे रोकने के लिए अनुलोम विलोम, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और कपालभाति जैसे योग पोज़ करने चाहिए। इससे शरीर की इम्युनिटी पॉवर बढ़ेगी, जिससे कोरोना वायरस के अलावा सभी प्रकार की बीमारियों पर रोकथाम लगाई जा सकती है।

कोरोना वायरस के लिए गोमूत्र है संजीवनी बूटी के समान

ये भी माना जाता है संसार के गंभीर से गंभीर रोग से लड़ने की शक्ति देसी गाय के मूत्र में है। इसे संजीवनी बूटी कहना गलत न होगा। बाबा रामदेव भी मानते हैं की गोमूत्र रक्तचाप, कब्ज और यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने में भी कारगार है। बाबा रामदेव का कहना है की आयुर्वेदिक जड़ी बूटी गिलोय (टीनोस्पोरा कोर्डिफोलिया) कोरोना वायरस से बचने के लिए बहुत बढ़िया है।  संस्कृत भाषा में गिलोय को "अमृता" कहा जाता है क्योंकि इसमें हर तरह के रोग से लड़ने की क्षमता है। गिलोय, हल्दी, काली मिर्च पाउडर और तुलसी के पत्तों को पानी में अच्छी तरह उबाल कर गाढ़ा रस बना लें। फिर इसका सेवन करें।

कोरोना से बचाव के उपाय

  • खांसने और छींकने के दौरान अपनी नाक व मुंह को कपड़े अथवा रूमाल से अवश्य ढकें।
  • अपने हाथों को साबुन व पानी से नियमित धोएं।
  • भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
  • फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से एक मीटर तक की दूरी बनाए रखें।
  • पर्याप्त नींद और आराम लें, पर्याप्त मात्रा में पानी/तरल पदार्थ पीएं और पोषक आहार खाएं। 
  • फ्लू से संक्रमण का संदेह हो तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लें। 
  • गंदे हाथों से आंख, नाक अथवा मुंह को न छुएं। 
  • किसी से हाथ न मिलाएं और भारतीय संस्कृति के अनुसार नमस्ते करें। 
  • सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें। 
  • बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाएं न लें। 
  • इस्तेमाल किए हुए नैपकिन, टिश्यू पेपर इत्यादि खुले में न फैंकें।

कोरोना वायरस से सावधानी 

भारत में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा रेलवे कॉलोनियों, क्लबों, हैल्थ यूनिटों और बारातघरों में इस वायरस के लक्षण व बचाव के बारे में जन साधारण को जागरूक किया जा रहा है। फिर भी यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण पाए जाते हैं तो वह तुरंत समीप के हैल्थ यूनिट अथवा अस्पताल से सम्पर्क करे। 

Niyati Bhandari

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