हार्मोनस बदलने से महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव

punjabkesari.in Thursday, Oct 15, 2015 - 02:13 PM (IST)

पहले समय़ में अधिकतर महिलाएं घर के कामों में उलझे रहने के कारण अपने स्वास्थ्य़ की अोर ध्य़ान नहीं दे पाती थी, जो कि एक चिंता का विषय़ था। इन्हीं कारणों की वजह से उन्हें स्वास्थ्य़ संबंधी बहुत-सी समस्य़ाअों का सामना करना करना पड़ता था। लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है। अब महिलाओं में पहले से अधिक जागरूकता है। आज औरतें भी अपने स्वास्थ्य की समस्याओं के प्रति जागरूक हो चुकी हैं, जोकि बेहद ज़रूरी भी है। तो चलिए जानें कि महिलाओं को स्‍वस्‍थ रहने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
 
औरतें, पुरुषों के मुकाबले स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों में अधिक पीछे रहती हैं। अपनी जिम्मेदारिय़ों के कारण ले अपनी सेहत का अोर ध्य़ान नहीं दे पाती, परन्तु आज के युग में औरतों को अपने घर और बाहर, दोनों जगह कई काम निपटाने होते हैं, जिसके कारण उनके ऊपर अत्यधिक तनाव का बोझ रहता है। हर दिन के तनाव के अलावा उनका शरीर कई तरह के बदलावों से भी होकर गुज़रता है। शरीर में आये इन सारे बदलावों की वज़ह से एक स्त्री का शरीर कमज़ोर बन जाता है और उनके व्यवहार में भी कई बदलाव आते हैं। 
 
जब शरीर में आये बदलाव शांत होते हैं -  
जब शरीर में होने वाले बदलावों का समय आता है, तो औरतें इसे शान्ति से सह लेती हैं। औरतें सब कुछ शान्ति से सहने की वज़ह से अक्सर उदासी की शिकार भी हो जाती हैं। इसलिए उन्हें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए घर और बाहर दोनों के बीच में सही तालमेल मिलाने की बेहद जरूरत होती है। 
 
महिलाएं और हार्मोन -
महिलाएं अपने जीवन में ऐसे अनेक पडावों में से होकर गुज़रती है, जहां पर वह अपने शरीर में प्राकृतिक तौर पर होने वाले हार्मोनल बदलावों का अनुभव करती हैं। हार्मोनल बदलाव यौवन, गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान उत्पन्न होते हैं, जिसके कारण महिलाओं में मूड बदलना अौर अन्य़ मानसिक परेशानियों हो सकती हैं। इसलिए उन्हें इस बदलाव के बारे में पहले से जानकारी होना बहुत जरूरी है। जिससे उन्हें इसका सामना करने में अासानी मिले।
 
यौवन के चरण-
इस चरण के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव धीमी गति से उत्पन्न होते हैं।इस अवस्था में होने वाले बदलाव ब्रेस्ट का विकास, निजी स्थानों में बालों का विकास और कद का विकास आदि के रूप में नज़र आते हैं। मासिक धर्म की प्रक्रिया भी इसी समय़ में आरम्भ होती है। शरीर में उत्पन्न होने वाले बदलाव करीब तीन से चार वर्षों की अवधि तक नज़र आते हैं और इस दौरान एक कन्या शरार में होने वाले अनेक प्रकार के बदलावों का अनुभव करती है।
 
उम्र के हर बदलते पड़ाव के साथ-साथ एक महिला को जीवन भर अपने स्वास्थ्य के बेहद सावधानी से ध्यान रखना चाहिए। उसे नियमित व्यायाम, स्वस्थ खान-पान और योग आदि भी करना चाहिए। 

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