''अग्रिपथ'' सेना की मजबूत और सुदृढ़ कार्यप्रणाली को खत्म करने वाली योजना

Wednesday, Jun 15, 2022 - 07:13 PM (IST)

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी): इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा भारतीय सेना के तीनों अंगों में युवाओं की भर्ती के लिए अग्रिपथ योजना लाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सदियों से चली आ रही सेना की मजबूत और सुदृढ़ कार्यप्रणाली को खत्म करने वाली योजना है।

 

 

इस योजना के तहत युवाओं को ठेके पर नियुक्त किया जाएगा और फिर चार साल बाद उन्हें हटा दिया जाएगा जो देश के युवाओं के भविष्य के साथ सरासर खिलवाड़ है। भारतीय सेना में जाट रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, सिख लाइट इन्फैंट्री, गोरखा राइफल्स, राजपूत रेजिमेंट जैसी सिंगल क्लास रेजिमेंट में सैनिकों की भर्ती होती है जो देश के सभी मार्शल कौम का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन अब ‘आल इंडिया आल क्लास मैथड’ के तहत भर्ती होने से उनका अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।

 

 

रक्षा विशेषज्ञों ने यह भी अवगत कराया है कि फौजी नाम, नमक और निशान के साथ उनकी यूनिट के युद्ध के नारे पर केंद्रित होकर जीते हैं। कठिन परिश्रम और बलिदान के बाद भारतीय सेना की वर्ग इकाइयां अपने वर्तमान मानकों पर पहुंच पाई हैं। गोरखा रेजिमेंट जिसमें नेपाल के गोरखा, जो एक लड़ाकू कौम है, भारतीय सेना में भर्ती होते हैं जिससे उनकी आजीविका चलती है। गोरखा रेजिमेंट का अंग्रेजों के समय में विश्व-युद्ध से लेकर आज तक गौरवशाली इतिहास रहा है। गोरखा रेजिमेंट के कारण चीन आज तक भारत से सीधा युद्ध करने से डरता रहा है। भारत सरकार के इस आत्मघाती कदम के कारण अब नेपाली गोरखा चीन की तरफ देखने लगेंगे जो कि भारत के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है क्योंकि अग्रिपथ योजना के तहत न तो उन्हें पेंशन मिलेगी और न ही अन्य सुविधाएं जो आज मिल रही हैं वो मिलेंगी। इसलिए केंद्र की भाजपा सरकार को अपने इस सैनिक विरोधी फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और अग्रिपथ जैसी घातक योजना लागू करने के बजाय सेना की नियमित भर्ती करनी चाहिए।

Archna Sethi

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