निगम हुआ मजबूर, नहीं मिल रहे स्ट्रे डॉग कैचर

Saturday, Apr 29, 2017 - 03:28 PM (IST)

पंचकूला : पंचकूला के बाशिंदों के लिये मुसीबत साबित हो रहे आवारा कुत्तों की स्टरलाइजेशन का काम अभी और लटक सकता है। इसकी वजह है निगम को अब तक किसी बिडर का न मिलना। नगर निगम की तरफ से आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी स्टरलाइजेशन करने के लिये 30 लाख रुपये के टेंडर रखे हैं। निगम को केवल एक संस्था की ओर से कुत्तों को पकड़ने के लिये अर्जी दाखिल की गई है। सूत्रों ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया तभी शुरू की जायेगी, जब एक से अधिक बिडर अर्जी दाखिल कर निगम की शर्तों के अनुरूप अपनी सेवाएं दे सके। फिलहाल एक संस्था ने आवेदन किया है और अन्य आवेदनों का इंतजार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पंचकूला के सुरजपुर में 14 लोगों को आवारा कुत्ते के काटने के बाद शहरी एवं स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन के निर्देशों पर मॉनटरिंग टीम गठित की गई थी। टीम के सदस्य ईओ अरविंद बाल्यान ने बताया कि स्ट्रे डॉग को लेकर निगम केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों का पालन कर रहा है। वहीं लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि वे कुत्तों को रोटी आदि न डालें जिससे आवारा कुत्तों को स्थल की आदत न पड़े।

 

कुत्तों को पंचकूला की सीमा में छोड़े जाने की अाशंका
उधर, पंचकूला में आवारा कुत्तों के बारे में एक और खौफ ने निगम की चिंता बढ़ा दी है। स्ट्रे डॉग और डॉग बाइट केसों की जांच के लिए बनाई गई माॅनिटरिंग कमेटी को इस शक पर शहर की सीमाओं से सटे इलाकों की जांच में जुट गई है कि आवारा कुत्तों को लाकर पंचकूला में छोड़ा जा रहा है। कमेटी ने कालोनियों और गांवों में बढ़ते कुत्तों के झुंडों को देखकर यह अनुमान लगाया है। टीम के सदस्य ईओ अरविंद बाल्यान ने बताया कि आवारा कुत्तों को पंचकूला में छोड़ने की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चंडीगढ़ के रायपुरखुर्द, एयरपोर्ट, जीरकपुर, सकेतड़ी वे स्थल हैं, जिनकी सीमाएं शहर को लगती हैं और इन स्थलों पर ही कुत्तों की भरमार है।

Advertising