मंडियों में भीग रही किसान की फसल, तमाशबीन बनी सरकार: हुड्डा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 19, 2021 - 08:18 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंडियों में अपनी फसल लेकर पहुंचे किसानों की हालत पर ङ्क्षचता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि किसान कई महीने की मेहनत से उगाई गई फसल को लेकर कई-कई दिनों से मंडियों में बैठे हैं। बारिश में उनकी फसल भीग रही है और सरकार तमीशबीन बनी देख रही है। 2 दिन की बारिश में किसानों का लाखों क्विंटल धान भीग गया। इतना ही नहीं, एजैंसियों द्वारा खरीदी गई फसल भी बारिश की भेंट चढ़ रही है। यह सब भाजपा-जजपा सरकार की लेटलतीफी, लापरवाही और बदइंतजामी का नतीजा है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

 


सरकार जानबूझकर कर रही खरीद, उठान और पेमैंट में देरी
हुड्डा ने कहा कि सरकार की तरफ से न मंडी में फसल ढकने के लिए तिरपाल की व्यवस्था की गई और न ही समय पर उठान हुआ। सरकार द्वारा जानबूझकर पहले खरीद शुरू करने में देरी की गई और अब उठान व पेमैंट में देरी की जा रही है। अब तक किसानों पिछले कई सीजन से लगातार मौसम की मार से खराब हुई फसलों का मुआवजा भी नहीं दिया गया। ऐसा लगता है कि सरकार को किसानों की हालत पर बिल्कुल भी तरस नहीं आ रहा।


खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं किसान
हुड्डा ने कहा कि एक तरफ मंडियों में किसान फसल बेचने के लिए कतारों में खड़े हैं तो दूसरी तरफ डी.ए.पी. खाद के लिए उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। कई-कई दिन घंटों कतार में भूखे-प्यासे खड़े रहने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। इसके चलते फसलों की बुआई में देरी हो रही है। आने वाले समय में उत्पादन पर भी इसका असर पड़ेगा, यानी चौतरफा मार एकबार फिर किसान पर ही पड़ेगी। सरकार को किसानों की जरूरत व समस्या को समझते हुए जल्द से जल्द पर्याप्त मात्रा में खाद मुहैया करवानी चाहिए।


पशुधन बीमा से पल्ला न झाड़े सरकार, जारी रहनी चाहिए सरकारी बीमा योजना 
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश सरकार द्वारा पशुधन बीमा बंद किए जाने का भी विरोध किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने किसानों को पशुधन का बीमा करवाने के लिए प्रेरित किया था। मात्र 100 रुपए में किसानों को बीमा का लाभ दिया जाता था। लेकिन, अब सरकार ने पशुपालकों को निजी कंपनियों के हवाले कर दिया, निजी कंपनियां 3-3 हजार रुपए वसूल रही हैं। हुड्डा ने कहा कि सरकार को पहले की तरह पशुधन का बीमा करना चाहिए और किसी भी तरह के अनहोनी होने पर पशुपालकों को पूरा मुआवजा देना चाहिए।


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News Editor

Ajit Dhankhar

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