रणदीप सुरजेवाला की मुख्यमंत्री को खुली चुनौती: सीएम और पूरी कैबिनेट पुलिस कॉन्स्टेबल का पेपर हल नहीं कर सकते

Monday, Nov 01, 2021 - 11:15 AM (IST)

चंडीगढ़, देवेंद्र रुहल। कांग्रेस के महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता कर हरियाणा सरकार की भर्ती प्रक्रिया पर निशाना साधा। सुरजेवाला ने भर्तियों पर सवाल उठाते हुए कहा जो भाजपा जजपा सरकार सत्ता में है उसने हरियाणा स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन ने भर्ती का मजाक बना दिया। सुरजेवाला ने कहा कि पेपर में लाखों रुपये की खर्ची कर, पास होने की पर्ची हरियाणा में सरकारी नौकरी पाने का एक तरीका बन गया है। सूरजेवाला ने कहा कि 30 से अधिक अलग अलग नौकरियों के पेपर खुलेआम बिक चुके हैं। सुरजेवाला ने कहा कि अलग-अलग तरीके अपनाकर युवाओं की जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि हाल ही में जो हमने पुलिस सब-इंस्पेक्टर के साथ 450 पदों में तीन परीक्षा सेंटरों में गड़बड़झाला उजागर किया, तो पेपर कैंसिल करने के बजाय उन 3 सेंटरों के करीब साढे 550 परीक्षार्थियों का पेपर दोबारा लिया गया।


सुरजेवाला ने कहा कि अब ताजा मामला 5500 पुलिस कॉन्स्टेबल(पुरूष) की भर्ती का है जिसमें 8 लाख 39 हज़ार युवाओं ने आवेदन किया है और इसके पेपर सुबह और शाम की शिफ्ट में लगातार तीन दिन यानी 31 अक्टूबर , 1 नवंबर और 2 नवंबर 2021 को हो रहे हैं। एक बार फिर हरियाणा के युवाओं के भविष्य की बोली लग रही है । सुरजेवाला ने कहा ताजा षड़यंत्र यह है कि पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए आईएएस और आईपीएस से भी ज्यादा कठिन सवाल पूछे जाएं, ताकि साधारण युवा फेल हो जाए और हम आपको बाद में भरवाकर सेटिंग डॉट कॉम से भर्ती की जा सके।


सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता कर कई सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा एक तो पेपर 8 क्यों, अलग अलग सेंटर में अलग अलग पेपर क्यों दिए गए हैं। 

सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार और एचएसएससी युवाओं के गुण और दक्षता का इम्तिहान लेने की बजाय उनका भद्दा मजाक उड़ा रही है। यह एक षड्यंत्रकारी तरीका है ताकि पुलिस कॉन्स्टेबल के लिए योग्य युवाओं को चयन प्रक्रिया से बाहर किया जा सके और चहेतों को चोर दरवाजे से अंदर लिया जा सके। सुरजेवाला ने कहा कि ऐसे एचएसएससी को एक क्षण भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है और उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। साथ ही सुरजेवाला ने कहा भाजपा जजपा सरकार की युवा विरोधी दुर्भावना की थी जांच होनी चाहिए।

Devendra singh Ruhal

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