पंचकूला जिले के रायपुररानी फटा बादल, सैंकड़ों एकड़ फसल तबाह, खेतों में चली किश्ती

punjabkesari.in Thursday, Aug 24, 2017 - 01:24 PM (IST)

रायपुररानी/बरवाला (संजय): पहाड़ों में बादल फटा? या फिर भारी बरसात ने बीरवार सुबह टांगरी और रत्तेवाली, श्यामपुर की नदियों के किनारे बसे लोगों की 5 घंटे सांसे अटकी रही तो दुसरी तरफ रत्तेवाली नदी में आए उफान में दुधगढ़ की अंगूरी देवी (55) दुधगढ़ गांव से बह गई, जिसका शव श्यामटू गांव में मिला। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और इसको लेकर आसपास के क्षेत्र में पुछताछ की तो पता चला कि गांव दुधगढ़ की अंगूरी देवी सुबह गांव से बाहर शौच के लिए गई और तेज पानी में बह गई और उसकी मौत हो गई। इसके साथ ही रामपुर और राणा गांव के बीच का पुल ढह गया और रत्ताटिब्बी पुल की बचाव दीवार टूट गई। 

 

थाना रायपुररानी के एसएचओ अरविंद कंबोज में जहां डेरा प्रमुख को लेकर अलर्ट को संभाला वहीं उन्होंने एन.डी.आर.एफ की टीम को मौके पर बुलाया और रायपुररानी की टांगरी नदी किनारे घंटो बचाव कार्य चला, जिसमें दो बुजुर्गो को बचाया गया और अन्य लोगों तक भी एन.डी.आर.एफ की टीम ने पहुंच स्थिति का जायजा लिया। श्यामपुर गांव में भी नदी गांव में घूस गई और इस दौरान लोगों ने दहशत में कई घंटे गुजारे और श्यामपुर में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। हालांकि प्रशासन केवल कागजों में ही हिदायतें देकर अपनी जिम्मेदारी निभाने में लगा है। श्यामपुर गांव के लोग इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन से मिले, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही हुई। 

 

शौच करने गई महिला का शव 8 किमी दूर श्यामटू गांव में मिला
पहाड़ों से निकली प्रलय में गांव दुधगढ़ की अंगूरी देवी पत्नि लज्जा राम नदी में बह गई और उसका शव गांव से 8 किमी दूर गांव श्यामटू नदी किनारे मिला। अंगूरी देवी घर से सुबह शौच के लिए निकली तो उसका कोई पता नही चला और उसके बाद करीब साढ़े 9 बजे गांव श्यामटू नदी में किसी ने एक महिला का शव देखा और पुलिस को बताया। उसके बाद सुबह से घर से लापता अंगूरी का पता उसके घर वाले करते रहे, लेकिन कुछ पता नही चल पाया। फिर पता चला कि श्यामटू में शव मिला है और उसकी शिनाख्त करने पर शव अंगूरी देवी का था, जिसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मॉर्चरी में भिजवा दिया। 

 

बाढ़ में फंसे तीन दर्जन लाखों का सामान हुआ बर्बाद
बाढ़ का ऐसा सीन शायद रायपुररानी व उसके आसपास कभी नही देखा हो, यही कारणा था कि इसे देखने के लिए हजारों की भीढ़ टांगरी नदी की ओर कूच कर गई। लेकिन ये तो नजारा देखने वाले थे, मुसीबत तो उन लोगों के लिए थी, जो बाढ़ में फंसे होने के चलते अपनी जिंदगी की दुआ कर रहे थे, क्योंकि बाढ़ और नदी के उफान के मंजर के वो गवाह है। जैसे ही बीरवार सुबह हुई भारी बरसात के बाद टांगरी में उफान आया तो लोगों में अफरातफरी मच गई। कांसल गांव के दो दर्जन लोग अपने खेतों में फंस गई, जिन्होंने छत पर चढक़र फोन से बचाव की गुहार लगाई। इसके साथ ही झुग्गियों में फंसे लोगों का सामान बर्बाद हो गया। पीर की दरगाह के पास रायपुरारनी के बाहरी रोड़ पर दो बुजुर्ग सतपाल और रचनी देवी 4-5 फुट पानी में फंसे रहे, जिन्हें एन.डी.आर.एफ की टीम ने बचाया।  

 

पुल और पशु बाड़ा तेज बहाव में ढहा
रायपुररानी ब्लॉक के गांव राणा का संपर्क टूट गया है, क्योंकि नदी के उफान से इन गांवों को जोडऩे वाला पुल नदी के तेज पानी में ढह गया, जिससे गांव के लोग फंस गए। उधर रामपुर गांव के पाला राम पुत्र ज्योति राम के पशु बाढ़े की दीवार ढह गई, जिसमें उन्हें नुकसान पहुंचा। इसके साथ ही रत्ताटिब्बी पुल से निकलने वाले पानी के लिए बनाई दीवार पानी में टूट गई। इसके अलावा प्रशासन नुकसान का आंकलन करने में जुटा है। 

 

पति-पत्नि ने तीन घंटे ट्रैक्टर पर बैठक कर बिताए, एन.डी.आर.एफ ने बचाया
रायपुररानी के सतपाल उर्फ पाला और रचनी देवी को जैसे ही एन.डी.आर.एफ ने किश्ती से रैशक्यू कर बाहर निकाला तो वो अपने परिचित लोगों के गले लग गए और एस.एच.ओ और एन.डी.आर.एफ का बचाने के लिए आभार जताया। पंजाब केसरी को अपने दहशत के 5 घंटों के बारे में बताते हुए सतपाल ने कहा कि वो घर से पौने 6 बजे खेत में पहुंचे, जहां उनके मवेशी और सामान रखा है, लेकिन अचानक से हमारे चारों ओर पानी ही पानी जमा हो गया। हम डर गए और जैसे-जैसे पानी का स्तर बढ़ता गया तो हमने अपने टै्रक्टर पर बैठ कर तीन घंटे बिताए और लोगों का आवाज भी लगाई, लेकिन कोई कुछ नही कर सकता था, क्योंकि ऐसी प्रलय तो हमने भी नही देखी। हम आभारी है, पुलिस और किश्ती से बचाने वाले जवानों का, जिन्होंने हमें बचाया।


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