नियम 134ए दाखिला के लिए प्रदेश के 3459 निजी स्कूलों ने दर्शायी अब तक 98952 खाली सीटें

punjabkesari.in Sunday, Oct 17, 2021 - 11:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल): प्रदेशभर के निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिला देने में प्राइवेट स्कूल हिचक रहे हैं। यही वजह है कि अब तक प्रदेश भर के 3459 निजी स्कूलों ने 98952 खाली सीटें दर्शायी हैं। जबकि 5 हजार से अधिक निजी विद्यालयों ने नियम 134ए के दाखिला के लिए खाली सीटों से जुड़ी कोई जानकारी शिक्षा निदेशालय को नहीं दी है। 18 से 22 अक्तूबर तक प्रदेशभर के निजी स्कूलों द्वारा दर्शायी गई खाली सीटों की वैरीफिकेशन की जानी हैं, मगर अभी तक आधे से भी कम निजी विद्यालयों सूचना विभाग के पास आई है। 

 


स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि प्रदेश के 8600 निजी स्कूलों में अढ़ाई लाख गरीब बच्चों के दाखिला के लिए कक्षा दूसरी से 12वीं तक सीटें खाली पड़ी हैं, मगर निजी विद्यालय गरीब बच्चों को दाखिला देना तो दूर शिक्षा विभाग को सही सूचना तक नहीं दे रहे हैं।


उन्होंने शिक्षा निदेशालय से खाली सीटों की सूचना नहीं देने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 व संशोधित नियमावली 2013 के तहत मान्यता रद्द करने की मांग की है। परमार ने बताया कि सोमवार से खाली सीटों की शिक्षा विभाग वैरीफिकेशन करने जा रहा हैं, मगर अभी तक सभी निजी स्कूलों ने वैकेंसी तक नहीं दर्शायी हैं। जिससे गरीब बच्चों की मुफ्त शिक्षा के अधिकार का भी हनन हो रहा है।  24 अक्तूबर से 7 नवम्बर तक दाखिला के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जाने हैं। 11 नवम्बर को पात्र गरीब बच्चों की सूची तैयार किए जाने और 14 नवम्बर को असैसमैंट टैस्ट का शैड्यूल निर्धारित है। 19 नवम्बर तक रिजल्ट तैयार होगा और 24 नवम्बर को पहला दाखिला ड्रा निकाला जाएगा। जिसके बाद 26 नवम्बर से 8 दिसम्बर तक दाखिले होने हैं। 


बच्चों के दाखिला के लिए अभिभावक ये दस्तावेज करवाएं तैयार
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि नियम 134ए के तहत पात्र बच्चों के दाखिला के लिए बच्चे व अभिभावक का आधार कार्ड, बच्चे के जन्म का प्रमाण, रिहायशी प्रमाण, आय प्रमाण एवं बी.पी.एल. का राशन कार्ड अनिवार्य दस्तावेज हैं। ऑनलाइन दाखिला में सिर्फ सूचनाएं भरनी हैं, लेकिन बच्चे को अलॉट हुए स्कूल में ये दस्तावेज फिजिकल वैरीफिकेशन के दौरान पेश करने होंगे। सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों का असैसमैंट टैस्ट नहीं होगा। उनकी मैरिट लिस्ट शिक्षा विभाग अलग से तिमाही असैसमैंट के हिसाब से तैयार करेगा।


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News Editor

Taranjeet Singh

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