खाद की कालाबाजारी को लेकर भाकियू ने केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखा पत्र

punjabkesari.in Saturday, Nov 06, 2021 - 12:42 PM (IST)

चंडीगढ़, (अविनाश पांडेय): भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र लिखकर खाद की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखे पत्र में चढूनी ने कहा कि किसानों को नैशनल फल्टिलाइजर्स लिमिटेड कंपनी द्वारा यूरिया खाद के साथ जबरदस्ती सल्फर व अन्य समान लगाकर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में तीन कृषि क़ानून अभी लागू भी नही हुए ओर खाद कंपनियों ने कालाबाजारी व किसानों के साथ जबरदस्ती शुरू भी कर दी ओर इन तीनों कानूनों के खिलाफ देश में किसान आंदोलन अभी जारी है।

 

खाद कंपनियों की काला बाजारी को लेकर हरियाणा प्रदेश में किसानों की दुर्दशा दिनों दिन बढ़ रही है रबी की फसलों की बिजाई शुरू ही हुई है और तभी से डीएपी खाद की भारी कमी प्रदेश में बनी हुई है। डीएपी की कमी के चलते खाद कंपनियों ने जबरदस्ती दुकानदारों के माध्यम से किसानो को डीएपी थैले के साथ कभी सल्फर या अन्य समान लगाकर दिया गया। अभी डीएपी खाद की कमी ख़त्म ही नही हुई ऊपर से खाद कंपनियों ने यूरिया खाद के साथ जबरदस्ती किसानों को सल्फर देनी शुरू कर दी। ताजा मामला दिनांक 03.11.2021 को शाहबाद जिला कुरुक्षेत्र में नैशनल फल्टिलाइजर्स लिमिटेड कंपनी का यूरिया खाद का रेंक आया जिसमे कंपनी ने यूरिया के रैंक के साथ एक बैगन सल्फर की भी जबरदस्ती डिस्ट्रीब्यूटर को दिया है।जब यह यूरिया खाद डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा दुकानदारो को गाड़ियों से भेजा गया तब हर गाड़ी के साथ सल्फर के बैग  भी जबरदस्ती दुकानदारों को भेज दी गई। जब किसान दुकानदार से खाद लेने पहुँचा तो दुकानदारो ने जबरदस्ती किसानों को खाद के थैले के साथ सल्फर देनी शुरू कर दी इस प्रकार 266.50 रुपए वाला यूरिया खाद के थैले के साथ 250 रुपए की सल्फर साथ दी गई इसलिए किसान को 266.50+250=516.50 रुपए प्रति बैग यूरिया मिला है।

 

इस प्रकार प्रदेश में खाद कंपनिया ने काला बाजारी से किसानों की लूट शुरू कर दी। उन्होंने कृषि मंत्री से आग्रह किया है कि प्रदेश में डीएपी व यूरिया खाद की कमी को तुरंत दूर किया जाए ओर कंपनियों की इस कालाबाजारी व जबरदस्ती के धंधे को रोका जाए तथा खाद कंपनी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। अन्यथा किसानों को मजबूर होकर खुद कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाना पड़ेगा जिसकी तमाम जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी ।


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News Editor

Avinash Pandey

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