अकाल तख़्त पर HSGPC के प्रधान झींडा ने दिया बड़ा बयान

Sunday, Nov 08, 2015 - 09:29 AM (IST)

पंचकूला, (रूपेश गल्होत्रा): पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में दोषियों की गिरफ्तारी का पंजाब सरकार व केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में 10 नवम्बर को अमृतसर में बाबा नूरसिंह की समाधि पर सरबत खालसा का आयोजन किया जा रहा है। इसी संदर्भ में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह झींडा विशेषतौर पर पंचकूला में वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री मनवीर कौर गिल के निवास स्थान पर पहुंचे और संगत के साथ बैठक की। इसमें जिला पंचकूला से करीब 60 से 70 की संख्या में संगत ने शिरकत की। इस दौरान जगदीश सिंह झींडा ने बताया कि सरबत खालसा के आयोजन के लिए वह हरियाणा में मीटिंगें कर रहे हैं और 10 तारीख को हरियाणा से करीब 21 हजार संगत सरबत खालसा आयोजन में पहुंचेगी।

 
10 को सरबत खालसा बुलाया
 हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों की गिरफ्तार के लिए पंजाब सरकार पर दबाव बनाने के लिए 10 नवम्बर को अमृतसर में गुरु नूरसिंह की समाधि पर सरबत खालसा बुलाया गया है। वहीं दूसरा कारण बताते हुए जगदीश सिंह झींडा ने कहा कि अकाल तख्त द्वारा जैसे हुक्मनामे जारी किए जाते हैं, फिर उन्हें वापस ले लिया जाता है और फिर जारी कर दिए जाते हैं, जिसके चलते अकाल तख्त को राजनीतिक व व्यापारिकरण का अड्डा बना दिया गया है।  
 
राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए
जगदीश सिंह झींडा ने कहा कि जब किसी के घर में जब कोई हादसा होता है तो कोई भी त्यौहार अच्छा नहीं लगता परंतु पंजाब में यह काम बंदों ने किया है और सरकार ने करवाया है। मैं तो इसके लिए सीधा दोषी ही बादल साहब को मानता हूं। उनके खिलाफ धारा-302 का पर्चा दर्ज कर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए। झींडा ने कहा कि  मक्कड़ साहब एंव ज्ञानी गुरबचन सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए और 10 नवम्बर से पहले-पहले सरबत खालसा में आकर संगत से माफी मांग लेनी चाहिए। 
Advertising