आवासीय क्षेत्र में चलने वाले उद्योग होंगे बाहर

punjabkesari.in Sunday, Dec 25, 2016 - 02:48 PM (IST)

चंडीगढ़, (पांडेय): हरियाणा के आवासीय क्षेत्र में चलने वाले उद्योगों पर अब सरकार की टेढ़ी नजर है। सरकार ने आवासीय क्षेत्र में चलने वाले उद्योगों को शहर से बाहर शिफ्ट करने का फैसला किया है। हालांकि कुछ क्षेत्रों के पुराने उद्योगों को इसमें राहत जरूर दी गई है, लेकिन 60 फीसदी से कम क्षेत्र वाले उद्योगों के लिए मुसीबत बढ़ गई है। वजह उद्योगों के कारण आवासीय क्षेत्रों में होने वाली दिक्कतें हैं। पिछले दिनों पानीपत में हुई आगजनी के बाद से उद्योग विभाग पूरी तरह से हरकत में दिख रहा है। वैसे तो सरकार की एक पॉलिसी उद्योगों को नियमित करने की भी है, लेकिन इस श्रेणी में पुराने उद्योगों को ही लाभ मिलेगा। 

 

सूत्रों की मानें तो हरियाणा का उद्योग विभाग इस मामले में दिल्ली सरकार की उद्योग नीति का अध्ययन कर रहा है, जिसमें अलग-अलग तरह से आवासीय क्षेत्रों में चलने वाले उद्योगों को नियमित किया गया था। गौरतलब है कि पानीपत, फरीदाबाद और गुडग़ांव सरीखे शहरों में गली-गली तक फैले छोटे उद्योगों से आम जनता काफी परेशान हैं। आवासीय क्षेत्रों में चल रहे उद्योगों से जहां प्रदूषण की समस्या आम है तो वहीं इन उद्योगों से अन्य कई समस्याएं भी खड़ी हो गई हैं। पिछले दिनों पानीपत की एक कंबल फैक्टरी में हुई आगजनी की घटना इसका उदाहरण है। इस आगजनी में कई मजदूरों की जान गई थी। 

 

कमेटी ने उद्योग विभाग के अफसरों को सौंपी रिपोर्ट :
आवासीय क्षेत्र में चलने वाले उद्योगों को शिफ्ट करने और उन्हें नियमित करने के मामले में गठित कमेटी ने उद्योग विभाग के उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी है। बताया गया कि कमेटी सदस्यों ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों, औद्योगिक एसोसिएशनों, व्यापारिक प्रतिनिधियों, आवासीय क्षेत्रों में चल रहे संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी और उनसे कई तरह के सुझाव हासिल किए थे। 


तीन श्रेणियों के तहत शिफ्ट होंगे उद्योग :
उद्योग विभाग की नोटिफिकेशन में उद्योगों की शिफ्टिंग और नियमित करने के लिए तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में 98 प्रकार के उद्योगों को शामिल करते हुए उन्हें रैड जोन में शामिल किया गया है। ऐसे उद्योगों को 6 माह के भीतर आवासीय क्षेत्रों में अपनी गतिविधियां बंद करने के लिए नोटिस जारी होने शुरू हो गए हैं। इस श्रेणी में शामिल उद्योगों के प्रति सरकार किसी भी सूरत में नरम रवैया नहीं अपनाएगी। रिपोर्ट के अनुसार ऑरेंज श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उद्योगों को भी आवासीय क्षेत्रों से बाहर निकालने का प्रावधान रखा गया है लेकिन उन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की शर्तें बताते हुए 2 वर्ष का समय दिया गया है। यदि कोई उद्योग नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उसे समय से पहले भी स्थानांतरित किया जा सकता है। इसके अलावा तीसरे स्थान पर ग्रीन जोन को रखा गया है। इस जोन में शामिल 122 प्रकार के अति लघु उद्योगों के संचालक अपना कामकाज तो कर सकेंगे, लेकिन उन्हें सरकार की हिदायतों का पालन करना जरूरी रहेगा।


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