हरियाणा सरकार और डी.जी.पी. को आदेश, पीडि़त को 25,000 मुआवजा दें
punjabkesari.in Friday, May 13, 2022 - 04:30 PM (IST)
चंडीगढ़, (अर्चना सेठी): गुरुग्राम के कृष्ण कुमार ने मानव अधिकार आयोग में गुहार लगाई कि उसके पुत्र राहुल को पुलिस ने पुलिस रिमांड के दौरान पीटा था जिसकी वजह से उसके शरीर पर चोट आई। एफ आई आर न 329/20 थाना खेड़की दौला मामले की तफ्तीश के दौरान जांच अधिकारी ए एस आई ओमप्रकाश ने एक आरोपी राहुल को गिरफ्तार किया था उसकी गिरफ्तारी 18 दिसंबर 2020 को की गई तथा रिकॉर्ड के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद प्रक्रिया के अनुसार मेडिकल सरकारी अस्पताल से करवाया गया जिसमें राहुल की किसी चोट का जिक्र नहीं आया ।
19 दिसंबर 2020 को राहुल को जांच अधिकारी ने मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करके 2 दिन का पुलिस रिमांड लिया अदालत से रिमांड के आदेश के बाद मुलजिम राहुल का दोबारा से मेडिकल करवाया गया जिसमें भी राहुल के शरीर पर किसी प्रकार की किसी चोट नही पाई गई। दोनों मेडिकल सरकारी डॉक्टर द्वारा जांच अधिकारी ओमप्रकाश की मौजूदगी में किए गए थे।
राहुल के पिता कृष्ण कुमार ने हरियाणा मानव अधिकार आयोग मैं शिकायत करके आरोप लगाया की पुलिस रिमांड के दौरान उसे पुलिस अधिकारियों द्वारा खिड़की दौला थाने में बुलाया गया तथा उसके सामने पुलिस कर्मचारियों ने मामला निपटने की एवज में रिश्वत की मांग की तथा रिश्वत न देने के कारण उसके लड़के को पीटा गया 21दिसंबर 2020 को जब राहुल को अदालत में दोबारा पेश किया गया अदालत ने पिता की मारपीट की शिकायत पर उसका मेडिकल बोर्ड से मेडिकल करवाने और जेल भेजने का आदेश दिया जो कि जेल अधिकारियों द्वारा 22 दिसंबर 2020 को सरकारी अस्पताल गुड़गांव में कराया गया जिसमें राहुल के शरीर पर दो चोटों के निशान मिले । इस मामले में शिकायत मिलने पर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कमिश्नर पुलिस गुरुग्राम से जवाब तलब किया तथा संबंधित जांच अधिकारी ओमप्रकाश से भी जवाब देने को कहा गया । आयोग में कार्यवाही शुरू होने के बाद अधिकारियों द्वारा जांच बिठाई गई तथा तत्कालीन डी सी पी आस्था मोदी द्वारा ए एस आई ओमप्रकाश को चेतावनी जारी की गई ताकि भविष्य में ऐसी गलती दुबारा ना हो परंतु आयोग पुलिस विभाग की इस कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हुआ।
मानव अधिकार आयोग की खंडपीठ जिसमे पूर्व मुख्य न्यायधीश एस के मित्तल चेयरमैन व सदस्य दीप भाटिया ने इस मामले की सुनवाई की तथा इस मामले को व्यक्ति के मानव अधिकारों का हनन मानते हुए गंभीरता से लिया तथा अपने आदेश में हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी डी जी पी हरियाणा को आदेश दिया है कि पीड़ित को मुआवजे के तौर पर ₹25000/ का भुगतान करे तथा दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की जांच करके उनके खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई की जाए।