ट्रांसजैंडर खुद पहचान कर बनवाएं पहचान प्रमाण पत्र : कटारिया

punjabkesari.in Sunday, Jan 10, 2021 - 12:31 AM (IST)

चंडीगढ़, (पांडेय): केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसजैंडर व्यक्ति को यह अधिकार दिया जाएगा कि वह अपनी ङ्क्षलग पहचान स्वयं व्यक्त करें। इसके लिए ऐसे व्यक्ति, ट्रांसजैंडर पोर्टल के माध्यम से अपने पहचान प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कटारिया ने एक बयान के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने अधिकारियों तथा राज्यों व संघशासित क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ ट्रांसजैंडर समन्वय के विषय पर बैठक ली।

 

उन्होंने बताया कि ट्रांसजैंडर व्यक्ति समाज के हाशिए पर स्थित वर्गों में से एक हैं और उन्हें हर स्तर पर सामाजिक, आॢथक और राजनैतिक सभी प्रकार के भेदभावों का सामना करना पड़ता है। समाज में ऐसे व्यक्तियों को उचित प्रतिनिधित्व दिलवाने और उनके समेकित विकास के लिए प्रयास करना होगा।

 


कटारिया ने बताया कि ट्रांसजैंडर व्यक्तियों को अनेक बार शिक्षा का अधिकार, पैतृक संपत्ति का अधिकार, स्वास्थ्य एवं सार्वजनिक सेवाओं का अधिकार आदि से वंचित रहना पड़ता है। रोजगार में पूर्वाग्रह, नौकरी में भेदभाव, मजदूरी में असमानताएं, कानूनी संसाधनों का अभाव भी आज के समय में ट्रांसजैंडर व्यक्तियों की प्रमुख समस्याएं हैं। उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए संसद ने उभयङ्क्षलगी व्यक्ति, अधिकारों का संरक्षण अधिनियम-2019 पारित किया, जो 10 जनवरी 2020 से लागू हो गया है। इसके अलावा उभयङ्क्षलगी व्यक्ति, अधिकारों का संरक्षण नियमावली 25 सितम्बर 2020 को अधिसूचित की गई थी।


केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसमें इस समुदाय के लोगों को पहचान प्रमाण पत्र जारी करने, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य देखभाल, सार्वजनिक परिवहन, सार्वजनिक जीवन और खेल आदि में भेदभाव को खत्म करने के लिए आवश्यक कदमों का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त उभयङ्क्षलगी समुदाय के लिए राष्ट्रीय उभयङ्क्षलगी व्यक्ति परिषद के गठन का भी इसमें प्रावधान है।
 


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Vikash thakur

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