एफ.पी.ओ. के माध्यम से कृषि में लाई जा सकती है क्रांति

Tuesday, May 17, 2022 - 07:15 PM (IST)

चण्डीगढ़, (अर्चना सेठी): केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि हम किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) के माध्यम से कृषि में क्रांति ला सकते हैं और किसान के जीवन में परिवर्तन किया जा सकता है और भविष्य में एफपीओ की बहुत ही बडी भूमिका रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि किसान को स्वयं अपनी फसल की माकिर्टिग, सोरटिंग, ग्रेेडिंग इत्यादि कर अपनी यूनिट को खडा करना होगा और आज का किसान अपनी आय को बढाने के लिए एफपीओ की ओर देख भी रहा है।

 

 

वे पंचकूला में भारत सरकार की 10 हजार एफ.पी.ओ. के सृजन व प्रचार योजना के तहत कलस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन (सीबीबीओ) और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में उपस्थित सीबीबीओ व एफपीओ के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर हरियाणा के कृषि एवं किसान मंत्री श्री जे.पी. दलाल भी उपस्थित रहे।

 

 

चौधरी ने कहा कि बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण हैं और हमें देश के किसानों की आय को बढाना हैं इसलिए आज इस बैठक में हमने सीबीबीओ व एफपीओ के प्रतिनिधियों को आपस में समस्याओं के समाधान के लिए एक मंच प्रदान किया हैं ताकि किसानों को नई तकनीकों व बाजार से जोड़कर उनकी आय को बढाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल-प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर व लदाख से एफपीओ प्रतिनिधि व सीबीबीओ प्रतिनिधियों के अलावा कुछ वर्ज्युअल तरीके से भी किसान भाई व प्रतिनिधि जुडे हैं। उन्होंने कहा कि किसान को आत्मनिर्भर बनाने व उनकी आय को दोगुना करने की दिशा मे प्रधानमंत्री ने ‘‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास’’ पर बल दिया हैं और इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका हैं और इस कार्य में सीबीबीओ अपनी सहायक भूमिका अदा कर सकते हैं।

 

 

चौधरी ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित करके सीबीबीओ व एफपीओ की तरफ से आने वाले सुझाव के तहत दिशानिर्देशों में बदलाव करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समलत राज्यों में एक सीबीबीओ को 300 किसान सदस्यों के साथ एफपीओ का गठन करवाना हैं और पहाडी राज्यों में एक सीबीबीओ को 100 किसान सदस्यों के साथ एफपीओ का गठन करवाना है तभी इक्विटी ग्रांट की राशि इन एफपीओ मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि इन सभी एफपीओ को व्यवस्थित करने के लिए चुनाव भी आवश्यक हैं और जनरल बॉडी मिटिंग के बाद ही इक्विटी ग्रांट की राशि एफपीओ को मिल पाएगीं, इसलिए सीबीबीओ को लक्ष्य आधारित काम करते हुए एफपीओ बनाने होंगें।

 

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने सीबीबीओ प्रतिनिधियों से आहवान करते हुए कहा कि छोटे-छोटे किसानों से अपनी फसल की ग्रेंडिग, सोरटिंग इत्यादि के कार्य करवाए और यूनिट लगाने के लिए सीबीबीओ प्रोजैक्ट रिपोर्ट भी बनाकर दें और विशेषज्ञों का उपयोग भी करें। उन्होंने कहा कि कृषि अवसरंचना फण्ड का लाभ भी एफपीओ ले सकते हैं और किसानों को दिलवा सकते है। इसमें दो करोड़ रूपए का प्रावधान सोरिटंग, ग्रेडिंग, पोलीहाउस, ड्रोन व मशीनरी इत्यादि खरीदने के लिए किया गया है। इस फण्ड को 7 साल के लिए व ब्याज में 3 प्रतिशत छूट के साथ लिया जा सकता है। 

 

 

इससे पहले, हरियाणा के कृषि एवं किसान मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लक्ष्य रखा है कि देश केे किसान के आर्थिक हालात सुधरे और किसानों को उनका अधिकार मिलें तथा उनके जीवन में परिवर्तन आएं। उसी दिशा मेें भारत सरकार ने 10 हजार एफपीओ स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने छोटे व सीमांत किसानों की चिंता की हैं और सामूहिक खेती को बढावा देने का काम किया है ताकि छोटे व सीमांत किसानों को अपनी खेती के लिए किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हों।
 

 

हरियाणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी 600 से 700 एफपीओ बनाए जा चुके हैं और चार से पांच जगह पर वे स्वयं एफपीओ को देखकर आए हैं। उन्होंने कहा कि यदि एफपीओ के माध्यम से किसान जुडेंगें तो किसान की दशा व दिशा बदल जाएगी। सामूहिक खेती करने से छोटे किसानों को खेती के लिए खाद व बीज इत्यादि की दिक्कत का सामना नहीं करना पडता है और सामूहिक तौर पर लेने से लगभग 30 प्रतिशत तक बचत भी होती है। इसके अलावा, ऐसे किसानों को अपनी फसल के वैल्यू-एडीशन से भी लाभ मिलता है।

Archna Sethi

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