रणजीत सिंह हत्याकांड: सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख समेेत पांचों आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

Monday, Oct 18, 2021 - 06:11 PM (IST)

पंचकूला  (मुकेश) पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख एवं दो साध्वियों के साथ यौन शोषण के दोषी गुरमीत राम रहीम सहित पांच आरोपियों को रणजीत सिंह हत्या मामले में सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। सीबीआई अदालत ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। वहीं बाकी अन्य चार दोषियों कृष्ण कुमार, अवतार, जसवीर और सबदिल पर भी जुर्माना लगाया गया है।

 

जुर्माने की आधी राशि पीडि़त परिवार को दी जाएगी। करीब 19 साल बाद यह फैंसला आया है, फैसले के खिलाफ राम रहीम हाईकोर्ट जाएगा। मंगलवार को सीबीआई कोर्ट में गुरमीत राम रहीम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए व अन्य पांच आरोपियों को पुलिस ने प्रत्यक्ष रूप से पेश किया। बचाव पक्ष के वकील अजय वरमन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस फैंसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

 

उन्होंने बताया कि पहले की सजा के साथ साथ यह सजा भी चलेगी। वकील के अनुसार कोर्ट में सुनवाई के दौरान गुरमीत राम रहीम सिंह ने कहा कि उन्हें जेल के भीतर से ही लोगों को मोटीवेट करने की आज्ञा दी जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह सरकार या फिर जेल मैनुअल का मामला है। यह कोर्ट के इख्यार से बाहर है। रणजीत सिंह हत्याकांड में सीबीआई के गवाह खट्टा सिंह के संबंध में बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि एक व्यक्ति कसम खा कर बार बार अपने बयान बदल रहा है। तो आप उसके कौनसे बयान को मानेंगे।

 

वहीं दूसरी तरफ रंजीत सिंह के बेटे जगसीर ने कहा कि हम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैंसले से संतुष्ट हैं। ज्यूडीशरी पर हमें पूरा विश्वास है। बता दें कि सीबीआई कोर्ट ने 8 अक्तूबर को पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया था। मामले में 12 अक्तूबर को ही सीबीआई कोर्ट को सजा सुनानी थी लेकिन दोषी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह की ओर से हिंदी भाषा में आठ पेज की अर्जी लिखकर सजा में रहम की अपील की गई थी। उसने अर्जी में अपनी बीमारियों और सामाजिक कार्यों का हवाला दिया था।

पुलिस ने लगा रखी थी धारा 144

इस दौरान पंचकूला में धारा-144 लागू रही। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। किसी भी तरह के तेजधार हथियार को लेकर चलने पर भी प्रतिबंध रहा, 17 नाकों समेत शहर में कुल सात सौ जवान तैनात रहे। सीबीआई कोर्ट परिसर और चारों प्रवेशद्वार पर आईटीबीपी की चार टुकडय़िां तैनात थीं। पंचकूला सीबीआई की विशेष अदालत में तैनात आईटीबीपी के जवान।

 

इन धाराओं में कोर्ट ने दिया था दोषी करार: रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में बीते आठ अक्तूबर को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आम्र्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है।

2003 में की गई थी सीबीआई जांच की मांग

गत 10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह का मर्डर हुआ था। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चि_ी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी।  सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए आरोपियों पर केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर  चार्ज फ्रेम किए थे। राम रहीम को इससे पहले सीबीआई जज रहे जगदीप सिंह ने सजा सुनाई थी। जगदीप का इसी साल ट्रांसफर हो गया था। उनकी जगह चंडीगढ़ में सीबीआई जज रहे डॉ. सुशील गर्ग को पंचकूला सीबीआई विशेष अदालत में नियुक्त किया गया है।

Sandeep

Advertising