कर्फ्यू में उजड़ रही है किसानों की फसल

Sunday, Sep 10, 2017 - 11:34 PM (IST)

सिरसा: हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में पिछली 24 अगस्त से उपजे विवाद के बाद डेरा के साथ लगते नेजिया, बाजेंका, अली महोम्मद, बेगू और रंगड़ी गावों में लगे कर्फ्यू के कारण हजारों एकड़ में खड़ी फसलें उजड़ रही हैं। मवेशी भूख मर रहे हैं जबकि गावों में बीमार पड़े लोग उपचार के अभाव में तड़प रहे हैं।

ग्रामीण जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं मगर अधिकारी कर्फ्यू के चलते कुछ भी राहत देने को तैयार नहीं हैं। सिरसा में डेरा के अलावा साथ लगते करीब आधा दर्जन गावों में आज भी कर्फ्यू जारी रहा और इसमें शाम चार बजे से केवल तीन घंटे की ढ़ील दी गई। इन गावों के अलावा मार्गों पर तैनात सेना के जवान मार्ग भी अवरुद्ध किए हुए हैं। गांव के किसान खेतों में ना जा सकें इसके लिए घुड़सवार पुलिस निरंतर गश्त कर रही है। खेतों में ज्यों ही कोई किसान नजर आता है,घुड़सवार पुलिस वाले उनके पीछे दौड़ते हैं।

जिन किसानों के खेती के साथ पशुपालन का भी व्यवसाय है उनके लिए पशुओं के वास्ते खेतों से हरा चारा लाना दुभर हो गया है। दुधारू पशुओं को तो पशुपालक दाना,चूरी डाल रहें हैं जबक दूसरे पशु भूख मरने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में ग्वार की फसल पककर तैयार है और इसी के साथ नरमा कपास की चुगाई ना होने से धरातल पर गिरने लगा है। अगर कुछ दिन ऐसे और चला तो उनकी पकी पकाई फसल बर्बाद हो जाएगी।

इसी तरह पशुओं के लिए हरा चारा लाने खेत जोत हैं तो फिल्ड में तैनात घुड़सवार पुलिस के जवान कर्फ्यू क्षेत्र बता उनके पीछे भाग कर खेतों से लौटने को कहते हैं। इसी तरह गांव में कई बुजुर्ग व ब‘चे बीमार पड़े हैं। गांव से निकलने के सारे रास्ते अवरुद्ध होने के कारण उन्हें सिरसा शहर जा नहीं सकते।

गांव में बैठे झोलाछाप तथाकथित डाक्टरों से दवा लेनी मजबूरी बन गई है। हालांकि प्रशासन ने कल से कर्फ्यू में ढील की अवधि में वृद्धि कर इसे चार घंटे का करने का निर्णय लिया है। कल सुबह साढ़े आठ बजे से एक घंटे के लिए और शाम चार बजे से तीन घंटे के लिए छूट दी जाएगी। लोगों को उम्मीद है कि धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी।  

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