सरकारी विश्वविद्यालयों की शिक्षा भी अब कर्ज के सहारे

punjabkesari.in Thursday, May 05, 2022 - 05:56 PM (IST)

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी): इनेलो प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सरकारी विश्वविद्यालय की शिक्षा भी अब कर्ज के सहारे हो गई है। भाजपा गठबंधन सरकार ने सारी हदें पार करते हुए विश्वविद्यालयों को अनुदान देने की बजाय उन्हें कर्ज देने की प्रथा शुरू कर दी है। हरियाणा सरकार के वित्त विभाग ने उच्च शिक्षा विभाग के अत्तिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इसकी मंजूरी दे दी है। कर्जे की पहली किस्त के रूप में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय को 23 करोड़ 75 लाख रूपए जारी किए गए हैं।

 

भाजपा सरकार सरकारी संस्थानों को बड़े पूंजीपतियों को बेचने में लगी है इसी कड़ी में अगला नंबर अब सरकारी विश्वविद्यालयों का है और भविष्य में ऐसा ही काम प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों के साथ होने वाला है। इसकी शुरूआत सरकार की तरफ से कर्ज नीति के तहत कर दी गई है। थोड़े ही समय बाद विश्वविद्यालयों पर कर्जा बता कर सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को धनकुबेरों को बेच दिया जाएगा।

 

भाजपा गठबंधन सरकार ने शिक्षण संस्थानों को बुरी तरह से तबाह कर दिया है। इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय जैसी प्रख्यात यूनिवर्सिटी के पास अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को तनख्वाह देने के भी पैसे नहीं हैं। तनख्वाह देने के लिए अब इस लोन का सहारा बचा है। सरकारी विश्वविद्यालयों की स्थापना उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी ताकि गरीब का बच्चा उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि देश में सरकारी विश्वविद्यालय कर्ज लेकर चलेंगे। यूजीसी और फंडिंग एजेंसीज पहले ही रिसर्च के काम के लिए फंडिंग बंद कर चुकी हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Archna Sethi

Recommended News

Related News