दिल्ली की तर्ज पर ही हो नीड बेस चेंज

Friday, Oct 29, 2021 - 06:53 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा): चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) ने नीड बेस चेंज को लेकर एक कमेटी गठित की थी, जिसकी मीटिंग शुक्रवार को सैके्रटरी सी.एच.बी. की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग में बोर्ड के सदस्य पूर्व मेयर पूनम शर्मा, चंडीगढ़ रैजीडैंट एसोसिएशन ऑफ  वैलफेयर फैडरेशन (क्राफ्ड) के चेयरमैन हितेश पूरी व आर्कीटैक्ट सुरिंदर बाहगा उपस्थित थे। कमेटी के सदस्यों ने भी दिल्ली की तर्ज पर ही नीड बेस चेंज लागू करने की मांग की है और इसे लेकर सैके्रटरी को अपना डिमांड लैटर सौंपा है। सदस्यों का कहना है कि 25 से 30 साल पुराने निर्माण को गिराया नहीं जा सकता है, इसलिए निर्माण को नियमित किया जाना चाहिए। हितेश पूरी ने कहा कि वह दिल्ली की तर्ज पर ही वन टाइम सेटलमैंट लागू करने की मांग कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि 30 साल पुराने निर्माण पर बोर्ड कैसे सवाल उठा सकता है, इसलिए निर्माण को नियमित करने की जरूरत है। तब सी.एच.बी. की तरफ से कोई ड्राइंग व गाइडलाइंस नहीं दी गई, जिसके चलते लोगों की तरफ से जरूरत  मुताबिक ये बदलाव किए गए। बोर्ड ने इस निर्माण को होने से रोका भी नहीं और अब इन लोगों पर तोडफ़ोड़ की तलवार लटकी हुई है, जिससे लोगों को राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत लोगों ने अपने घरों में जरूरत मुताबिक बदलाव किए हुए हैं। इस संबंध में सी.एच.बी. को भी भलीभांति जानकारी है। उन्होंने कहा कि 4 लाख लोग अपने मकानों में इन बदलावों को नियमित करने की राह देख रहे हैं, जिस पर जल्द ही फैसला लिया जाना चाहिए। अलॉटी वन टाइम सेटलमैंट की मांग कर रहे हैं, ताकि लोगों के घरों को टूटने से बचाया जा सकें और जरूरत मुताबिक बदलाव नियमित किए जा सकें। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अतिरिक्त जगह पर भी निर्माण किया हुआ है, उनसे भी उचित राशि लेकर बदलाव नियमित किए जाने चाहिए, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। 

 

ये है दिल्ली सल्यूशन 
सी.एच.बी. फैडरेशन की तरफ से दिए गए दिल्ली सल्यूशन के मुताबिक कवर्ड एरिया में छूट दी जानी चाहिए और इस एरिया में सभी निर्माण को नियमित किया जाना चाहिए। अतिरिक्त कवरेज को बिना नियमित किए इस कवरेज के लिए वन टाइम चार्जेस लिए जाने चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सकें। इसके अलावा पब्लिक लैंड पर कंस्ट्रक्शन को भी बिना नियमित किए चार्जेस लिए जा सकते हैं और इसके लिए ऑनर्स से चार डाक्यूमैंट्स लिए जा सकते हैं, जिसमें ऑनरशिप पेपर, यूनिट पर  कोई लीगल केस न होने का सर्टिफिकेट, कुल कंस्ट्रक्शन प्लान और स्ट्रक्चरल सिक्योरिटी सर्टिफिकेट शामिल है। 

 

प्रॉपर्टी ट्रांसफर को वायलेशन से किया जाए डिलिंक  
कमेटी के सदस्यों ने मांग की कि प्रॉपर्टी ट्रांसफर को वायलेशन से डि-लिंक किया जाना चाहिए, जिससे प्रॉपर्टी की सेल बढ़ेगी। अभी फिलहाल वायलेशन हटाने की शर्त के चलते लोग प्रॉपर्टी लेने को तैयार नहीं होते हैं। इससे कन्वयेंस डीड के बाद प्रॉपर्टी की ट्रांसफर आसान हो जाएगी। इसके अलावा उन्होंने फ्लैट्स में लिफ्ट की अनुमति देने की भी मांग की है। लिफ्ट की अनुमति न मिलने के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इंडिपेंडैंट हाउसेज पर एस्टेट ऑफिस के मरला हाऊसिज की तरह नियम लागू होने चाहिए, क्योंकि मरला हाऊसिज में लोगों को निर्माण की अधिक अनुमति है। 

Vikash thakur

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