गुरुजी की फरलो पर नजर रखेंगे BEO, हर माह करेंगे 8 स्कूलों की मॉनिटरिंग

Thursday, Oct 12, 2017 - 04:02 PM (IST)

चंडीगढ़(सनमीत) : हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में अब गुरुजी की फरलो पर शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी नजर रखेंगे। गुरुजी कक्षा में बैठे छात्रों को पढ़ा रहे हैं या गप्पे हांक रहे हैं, इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे। 

 

शिक्षा निदेशालय ने बी.ई.ओ. को इंस्पैक्शन के लिए 45 हजार रुपए प्रतिमाह अदा करने का निर्णय लिया है, ताकि वे किराए पर गाड़ी हायर कर सकें। प्रदेश के 119 खंडों के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एक महीने में कम से कम 8 दिन स्कूलों की मॉनिटरिंग करेंगे। साथ ही महीने के 20 स्कूलों की सुबह स्कूल लगते वक्त और दोपहर छुट्टी के समय भी इंस्पैक्शन करेंगे। यह आदेश 1 नवम्बर से लागू किया जाएगा। बी.ई.ओ. को स्कूलों की इंस्पैक्शन करने के लिए प्रतिमाह 45 हजार रुपए खर्च तक के लिए गाड़ी हायर करने की अप्रूवल दी जाएगी। 

 

अभी तक बी.ई.ओ. को स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए केवल टी.ए., डी.ए. ही अदा किया जाता था और उनके पास इंस्पैक्शन के लिए सरकारी गाड़ी नहीं होती थी। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने बी.ई.ओ. की इंस्पैक्शन संबंधी फाइल वित्त विभाग से पहले सी.एम. से अप्रूव करवा ली है।  

 

सिर्फ 3 माह की मिलेगी चाइल्ड केयर लीव :
शिक्षा विभाग चाइल्ड केयर लीव के संबंध में नए नियम लागू करने जा रहा है। अब महिला अध्यापिकाओं को दो साल की सी.सी.एल. एक साथ नहीं मिलेगी। उन्हें एक साल में केवल 3 महीने की चाइल्ड केयर लीव ही मिलेगी। 

 

यह फैसला विभाग में सी.सी.एल. के बढ़ रहे आवेदनों और स्कूलों में बच्चों की प्रभावित हो रही शिक्षा को ध्यान में रखकर लिया है। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. खंडेलवाल की अध्यक्षता में 10 अक्तूबर को हुई मीटिंग में सभी डी.ई.ओ. और डी.ई.ई.ओ. को मौखिक आदेश दिए जा चुके हैं कि वे 3 महीने से ज्यादा सी.सी.एल. के लिए फाइल अप्रूव न करें। 

 

बी.ई.ओ., डिप्टी डी.ई.ओ. और डी.ई.ओ. को मिलेगी पदोन्नति :
शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा विभाग में खाली बी.ई.ओ., डिप्टी डी.ई.ओ. और डी.ई.ओ. के खाली पदों को भरने की कवायद भी शुरू करने जा रहा है। प्रदेश में करीब 15 डी.ई.ओ. के पद खाली है। ऐसे में अधिकारियों को दीवाली पर पदोन्नति का उपहार मिल सकता है। जिला शिक्षा विभाग में लीगल असिस्टैंट के पद स्वीकृति किए जाएंगे। अभी तक जिला स्तर पर शिक्षा विभाग में लीगल असिस्टैंट का पद नहीं थे और मुख्यालय से ही लीगल राय ली जाती थी। 

Advertising