सिविल अस्पताल में एच.आई.वी. पॉजीटिव बताकर डिलीवरी से किया इंकार

punjabkesari.in Friday, Jun 26, 2015 - 01:51 AM (IST)

सिरसा : सामान्य अस्पताल के स्टाफ सदस्यों द्वारा ड्यूटी में बरती गई घोर लापरवाही के कारण एक प्रसूता व उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जान संकट में पड़ गई। सरकारी अस्पताल लैब में ब्लड ग्रुप की जांच रिपोर्ट में प्रसूता को एच.आई.वी. पॉजीटिव बताया गया। प्रसूता की एच.आई.वी. पॉजीटिव रिपोर्ट देखकर स्टाफ नर्स ने डिलीवरी से स्पष्ट इंकार कर दिया और अस्पताल से निकल जाने के कह दिया। आरोप है कि स्टाफ सदस्यों द्वारा प्रसूता के परिजनों के साथ बदसलूकी की गई। प्रसूता की डिलीवरी के लिए परिजनों को रातभर परेशानी उठानी पड़ी। 
 
शहर की एक निजी लैब में प्रसूता के रक्त की दोबारा जांच की गई, जिसमें एच.आई.वी. रिपोर्ट नैगेटिव आई है। एच.आई.वी. रिपोर्ट नैगेटिव आने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली। परिजनों ने प्रसूता को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। पूरे घटनाक्रम को लेकर आज सुबह पीड़ित परिवार ने सदस्य सिविल सर्जन से मिले और उन्हें पूरे मामले से अवगत करवाया। परिजनों ने इस संबंध में उपायुक्त से भी दोषी अस्पताल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई। 
 
मामला संज्ञान में आने के बाद सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जांच करवाकर दोषी कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जानकारी के मुताबिक बुधवार देर शाम दड़बी निवासी राकेश ने प्रसव पीड़ा होने पर अपनी पत्नी गीता को डिलीवरी के लिए सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया। परिजनों ने बताया कि अस्पताल में मौजूद तैनात स्टाफ सदस्यों ने डिलीवरी से पहले प्रसूता के ब्लड ग्रुप व अन्य जांच के लिए रक्त का नमूना सरकारी लैब में भेजा।

सरकारी लैब में तैनात टैक्नीशियन ने अपनी रिपोर्ट में गीता को एच.आई.वी. पॉजीटिव बताया। ड्यूटीरत स्टाफ नर्स ने एच.आई.वी. पॉजीटिव रिपोर्ट देखकर परिजनों को अपशब्द बोले और प्रसूता की डिलीवरी से मना करते हुए अस्पताल से निकल जाने के बोला। परिजनों का आरोप है कि गीता को करीब एक घंटे तक कमरे में बंद भी रखा गया। 
 
बाद में परिजनों ने प्रसूता को कहीं और अस्पताल लेकर जाने के लिए एम्बुलैंस की सुविधा मांगी तो वह भी मुहैया नहीं करवाई गई। भाई सुनील ने बताया कि दर्द से कराह रही गीता को वह बाइक पर बिठाकर निजी अस्पताल ले गए। परिजनों ने बताया कि शहर की एक निजी लैब से गीता के रक्त की दोबारा जांच करवाई गई।

निजी लैब की रिपोर्ट में एच.आई.वी. नैगेटिव आया। परिजनों ने प्रसूता को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। वीरवार सुबह करीब साढ़े 5 बजे गीता की डिलीवरी हुई और उसने लड़के को जन्म दिया। निजी अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। 
 
इस बारे डाक्टर सुरेन्द्र नैन सिविल सर्जन ने बताया कि प्रसूता के परिजन मेरे पास आए थे। मैंने सारी बात सुनकर जांच के निर्देश दे दिए हैं। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी।  जो भी स्टाफ नर्स व कर्मचारी इस मामले में दोषी होंगे उनके  खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बारे डी.सी. निखिल गजराज ने कहा कि सिविल सर्जन को घटनाक्रम की जांच के लिए बोल दिया है। जिसकी गलती होगी उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

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