हड़प्पा काल में थी दफनाने की परंपरा

punjabkesari.in Thursday, Apr 23, 2015 - 11:03 AM (IST)

हिसार: हड़प्पाकालीन सभ्यता सुव्यवस्थित तथा गौरवशाली थी लेकिन शवों का संस्कार नहीं किया जाता था। यह जानकारी हरियाणा के हिसार के राखी गढ़ी गांव में पिछले छह माह से पुरातत्व विभाग की देखरेख में चल रही खुदाई से पता चली है। डक्कन यूनिवर्सिटी पुणे के छात्र और कोरिया के भू वैज्ञानिकों ने खुदाई के दौरान परतें हटाते हुये यह जानकारी दी कि हड़प्पा सभ्यता में राखी गढ़ी एक मेगा सिटी के रूप में स्थापित रहा था।

खुदाई के दौरान राखी गढ़ी में ‘प्रतीकात्मक कंकाल’ मिला है।  पुरातत्व विशेषज्ञों ने इसकी पुष्टि की है कि उस समय लोग मरने के बाद शरीर का दाह संस्कार नहीं करते थे। दफनाते समय सिर उत्तर दिशा की तरफ और पांव दक्षिण की ओर करते थे। खुदाई प्रभारी निलेश जाघव ने बताया कि खुदाई के दौरान चार नर कंकाल मिले हैं तथा एक कंकाल की निशानी भी मिली है। ऐसे लोगों के कब्र में रस्मों के हिसाब से तीस अलग-अलग बर्तनों में खाना भरकर दफनाया जाता था ताकि मरने वाले की आत्मा को शांति मिल सके। वहां पर सिर्फ 30 बर्तन ही मिले हैं। शव की एक भी हड्डी वहां पर नहीं मिल पाई। ऐसी स्थिति में पाई जाने वाली जगह को प्रतीकात्मक कंकाल की जगह माना जाता है।


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