चीन की तरफ से माउंट एवरेस्ट फतेह करेगी हरियाणा पुलिस की ASI

punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2015 - 02:34 PM (IST)

हिसार: बेटियां किसी से कम नहीं होती हैं और एक बार जिद्द पर आ जाएं तो कोई उनका मुकाबला भी नहीं कर सकता। हिसार की बेटी अनीता कुंडू के इरादे भी बहुत बुलंद हैं। अनीता प्रदेश के साथ-साथ देश का नाम रोशन करने की राह में कदम बढ़ा चुकी है।

नवदीप कॉलोनी निवासी हरियाणा पुलिस की ए.एस.आई अनीता पहली ऐसी भारतीय पर्वतारोही बनेगी जो चीन की तरफ से माउंट एवरेस्ट को फतेह करने के लिए चढ़ाई करेगी। इससे पहले अनीता ने जब 2013 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतेह किया था, उस समय उन्होंने तिब्बत की तरफ से चढ़ाई की थी।

अगर अनीता इस बार भी चोटी फतेह करने में सफल हो जाती हैं तो उनके नाम एक और खिताब जुड़ जाएगा और अनीता देश की पहली पर्वतारोही बन जाएंगी, जिसने दोनों तरफ से एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की। वहीं अनीता ने सरकार की तरफ से मिलने वाले खर्च को लेने से भी इंकार कर दिया और माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान वह खुद की जेब से खर्च करेगी।

प्रदेश सरकार ने नेपाल की तरफ से एवरेस्ट फतेह करने पर उन्हें ए.एस.आई के पद पर पदोन्नत किया था। अनीता कुंडू का परिवार मूल रूप से मिर्चपुर गांव का रहने वाला है। कुछ साल पहले उनका परिवार नवदीप कॉलोनी में आकर रहने लगा।

30 वर्षीय अनीता कुंडू अपने चार बहन-भाइयों में सबसे बड़ी हैं। छोटी दोनों बहनें शादीशुदा हैं, जबकि बड़ी होने के बाद भी वह अविवाहिता है। अनीता ने कहा कि वो इस बार चीन की तरफ से एवरेस्ट फतेह कर पहली महिला होने का इतिहास रचने के बाद ही शादी करेंगी। अनीता कुंडू ने प्राथमिक शिक्षा गांव से ही प्राप्त की। इसके बाद परिवार जब हिसार शिफ्ट हो गया तो अपनी आगे की पढ़ाई उन्होंने यहीं से की।

बीए की पढ़ाई उन्होंने जाट कॉलेज से की। इसके बाद प्राइवेट इंस्टीट्यूट से उन्होंने एमए हिस्ट्री की और हरियाणा पुलिस में बतौर कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुईं। सन् 2011में अनीता कुंडू ने लेह लद्दाख में तीन महीने का माउंटिंग क्लाइमिंग का कोर्स किया। अनीता कुंडू के भाई सुरेंद्र ने बताया कि अनीता की बचपन से ही खेल-कूद में रुचि थी। माता-पिता भी उन्हें स्पोर्ट करते थे।

कॉलेज टाइम में अनीता बाक्सिंग और कबड्डी टीम की सदस्य थी। सन् 2001 में उनके पिता का देहांत हो गया, इसके बाद अनीता ने गेम्स छोड़ दिए। बकौल अनीता वह शुक्रवार को काडमांडू से बेस कैंप से निकलेंगी। बेस कैंप जाकरवह साफ मौसम के लिए इंतजार करेंगी और जब अगले चार-पांच दिन तक मौसम साफ रहेगा, तो चढ़ाई शुरू की जाएगी। अनीता का कहना है कि इस चढ़ाई से वह पूरे देश व दुनिया को बताना चाहती है कि महिला कमजोर नहीं है और वह कोई भी काम कर सकती हैं। इस दौरान वह अपने बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ का बैनर भी लेकर जा रही है, जिसे वह एवरेस्ट की चोटी पर लहराएंगी।


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