सरकार हुड्डा की हो या खट्टर की हम नहीं सुधरेंगे

punjabkesari.in Thursday, Mar 05, 2015 - 03:08 AM (IST)

पानीपत : हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार बनते ही सरकार द्वारा अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने व लेटलतीफ कर्मचारियों व अधिकरियों को सुधारने के लिए भरसक प्रयत्न किए जा रहे हैं परंतु कर्मचारियों व अधिकरियों के कानो पर जूं तक नहीं रेंगी। लगता है की कर्मचरियों को इन सरकारों के दिशा-निर्देशों की कोई परवाह नहीं है। लगता है कर्मचारी भी यह मन बना चुके हैं कि सरकार चाहे हुड्डा की हो या खट्टर की हम नहीं सुधरेंगे।
 
बुधवार सुबह 9 बजे जब पंजाब केसरी टीम पानीपत के लघु सचिवालय अपने कैमरे के साथ पहुंची तो अंदर का नजारा देखने लायक था। कुछ कार्यालयों के बाहर अभी ताले ही लटक रहे थे। उपायुक्त पानीपत सरकारी कार्य से चंडीगढ़ गए हुए थे। पूरे सचिवालय में लगभग आधे कर्मचारी नदारद थे। कर्मचारी तो कर्मचारी अधिकारी भी 9.30  बजे तक अपने अपने कार्यालय में नहीं पहुंचे थे। लघु सचिवालय में मौजूद किसी भी विभाग का विभाग अध्यक्ष 9.30 बजे तक कार्यालय में  नहीं पहुंचा था। जबकि अपने काम करवाने के लिए लोग दूर-दराज से आकर कार्यालयों के बाहर खड़े थे। हालांकि इस मामले में पानीपत के उपायुक्त समीर पाल सरो हर मीटिंग में सभी अधिकरियों को अपने कार्यालयों में समय पर पहुंचने के कड़े निर्देश दे चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवाशियों से बार-बार आह्वान कर चुके हैं की देश को तरक्की पर ले जाने के लिए मेहनत व ईमानदारी के साथ कार्य करें परंतु ऐसा लगता है कि सरकार से भारी-भरकम वेतन पाने वाले कर्मचारियों व अधिकरियों को न तो प्रदेश की जनता की चिंता है और न ही सरकार की कोई परवाह है। ऐसे में आम नागरिकों को अपने छोटे-छोटे कार्य करवाने के लिए कई-कई बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं, जिससे उनके समय के साथ धन की भी बर्बादी होती है। क्या ऐसे ही अच्छे दिन आएंगे या सरकार इन बिगड़े कर्मचारियों को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम उठने में कामयाब होगी यह तो आने वाले समय ही बताएगा।
 


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