हरियाणा के डॉक्टर और मंत्री की Simple टॉक बनी हॉट talk....पढ़िए क्या था माजरा

punjabkesari.in Friday, Jan 30, 2015 - 11:01 AM (IST)

चंडीगढ़/कुरुक्षेत्र (अविनाश पांडेय/धमीजा): महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी और चीफ मैडीकल ऑफिसर डा.वंदना भाटिया के बीच हुई नोक-झोंक के सच और झूठ का फैसला फोन वॉयस रिकार्डिग ही कर सकती है। गौरतलब है कि राज्यमंत्री कृष्ण बेदी और सी.एम.ओ. डा. वंदना भाटिया के बीच बीती 27 जनवरी को बातचीत हुई थी।

इस बातचीत के दौरान बेदी तथा सिविल सर्जन के बीच काफी तल्खी हो गई थी। हरियाणा के समाज कल्याण राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी और कुरुक्षेत्र की सी.एम.ओ. डा. वंदना भाटिया के बीच छिड़ी जंग अब मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंच गई है।

ऐसे शुरू हुई बात
27 जनवरी को मंत्री के पी.ए. ने सी.एम.ओ. को फोन किया। इसके बाद फोन मंत्री के पास चला जाता है और बातचीत शुरू होती है।

मंत्री- वंदना जी, आपसे कई बार बात करनी पड़ती है, आप जिले के एक-दो अधिकारी हो। जिले में कितने अधिकारी हैं। अब मंत्री सी.एम.ओ. से बात नहीं करेगा, मैं किसी डाक्टर से बात करूं या क्लर्क से बात करूं।

सी.एम.ओ.- नहीं सर, आप बताएं, आदेश करें।

मंत्री- आदेश तो क्या करना है, जिले का कोई एक आध काम होता है। अदरवाइज मुझे क्या लेना है मेडिकल लाइन से।

सी.एम.ओ.--नहीं नहीं सर, आप आदेश करें, बताएं सर

मंत्री- मेरे पास कई तरह की बातें आ रही हैं। आपको ज्वाइन किए एक हफ्ता हुआ है और कर्मचारी आपसे परेशान हैं, शिकायत कर रहे हैं।

सी.एम.ओ.- चलो सर आप देख लें जो एक्शन लेना चाहें ले लें। अगर मेरे कुछ करने लायक है तो आप बताएं सर।

मंत्री- एक्शन लेना है तो मुझे लेना आता है मैं मंत्री हूं।

सी.एम.ओ.- सर अगर ये बात है तो आप अगर धमकी दे रहे हैं।

मंत्री- आपके वे ऑफ टॉकिंग ऐसा है, करना आता है मुझे।

सी.एम.ओ.- कर लो सर, आप मंत्री हैं।

मंत्री- ये कोई जवाब है क्या आपका

सी.एम.ओ.-नहीं आप बताओ सर, अगर कोई बात करने वाली है तो बताओ,

मंत्री- आप एक मंत्री से कैसे बात कर रहे हो, आप कोई डंगर चराने वाले हो क्या। मैं एक मंत्री हूं।

सी.एम.ओ.- सर मैं कब से पूछ रही हूं क्या आदेश हैं, मेरे लिए काम बताएं। मंत्री बीच में टोकने की कोशिश करते हैं। सी.एम.ओ. उन्हें रोकते हुए बोलती है सर एक मिनट आप मेरी भी बात सुन लीजिए, जब आपने इतनी बातें बोल दी हैं तो एक मेरी भी सुन लीजिए। मैं भी बता देती हूं। जब आपको गिले ही करने हैं तो कर लो सर।

मंत्री- मुझे कोई व्यक्तिगत थोड़े हैं।

सी.एम.ओ.- सर मैं तो तब से प्यार से पूछ रही हूं क्या आदेश हैं क्या आदेश हैं। चार बार पूछ चुकी हूं लेकिन आप कह रहे हो कि मैने ये करना है वो करना है तो फिर कर लें आप।

मंत्री- मैंने तो क्या करना है, करेगी तो जो करेगी गोरमिंट करेगी।

सी.एम.ओ.- तो सर कर लें फिर

मंत्री- मुझे आपसे कोई पर्सनल रंजिश है क्या?

सी.एम.ओ.- मुझे क्या पता सर, आप मेरे साथ ऐसे बात कर रहे हो, मैं काम के लिए बैठी हूं सर। काम पूछ रही हूं आप कोई काम नहीं बता रहे। सर आप काम बताओ, आपके अगर किसी के लिए कहना है तो, 30 साल मुझे भी हो गए नौकरी करते हुए। ऐसे नहीं होता सर

मंत्री- मुझे पहले से ही पता था कि जो सबोर्डिनेट आपके रो रहे हैं वह नजायज नहीं।

सी.एम.ओ.- हां चलो ठीक है सर, मैं आपकी बातें सुनने के लिए यहां नहीं बैठी हूं, काम आप कोई बता नहीं रहे हो। काम करने के लिए बैठी हूं, 30 साल से नौकरी कर रही हूं। ऐसा कुछ नहीं है।

सी.एम.ओ.- आप जो मर्जी कहते रहें एक महिला अधिकारी से।

मंत्री- महिला अधिकारी को राइट है क्या बदतमीजी करने का

सी.एम.ओ- नहीं....नहीं आपको राइट है क्या, सबसे पहले आपने शुरू की है। सर मेरे पास सारा टेप है, और मैं सुना भी सकती हूं कि किसने शुरू की है। आएम नॉट गोइंग टू लिसन टू वट एवर यू सेइंग,

मंत्री- आपने जानबूझ के मेरे रिकार्डिंग की है। मैं भी कम से कम सी.एम. को बताऊंगा।

इस तरह से हरियाणा के डॉक्टर और मंत्री के बीच शुरू हुई साधारण सी बातचीत ने तल्खी रूप धारण कर लिया है और अब ये मामला स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तक पहुंच गया है।


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