खाली खजाने को चालान से भरेगी सरकार

punjabkesari.in Friday, Jan 30, 2015 - 05:50 AM (IST)

फतेहाबाद (राजकमल कटारिया): राज्य में भाजपा की नई सरकार बनने के साथ ही खजाने के खाली होने का रोना रोया जा रहा है। एक तरफ तो सरकार नौकरियों के बैकलॉग को नहीं भर रही क्योंकि उससे वेतन का खर्च बढ़ेगा और दूसरी तरफ जनता की जेब विभिन्न तरीकों से काटी जा रही है। इससे सरकार के कर्मचारी और आम जनता में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। सबसे अधिक परेशानी शिक्षा विभाग में है जिसमें 40,000 से भी अधिक पद रिक्त पड़े हैं। अध्यापकों के प्रति जहां काम का बोझ अधिक है वहीं लिपिकीय कार्य में भी उन्हें ही लगाया जा रहा है जिससे शिक्षा व्यवस्था का जनाजा निकला हुआ है।

इसी प्रकार बैंकों में भी कर्मचारियों का भारी अभाव है। इसके बावजूद बैंकों पर काम का वर्कलोड बढ़ाया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को मिलने वाले वजीफे की राशि को ऑनलाइन करने के आदेश बैंकों को मिले हैं। इससे स्कूलों के अध्यापकों का कामकाज काफी बढ़ा हुआ है वहीं बैंकों का भी वर्कलोड बढ़ गया है। बुढ़ापा पैंशन को भी सरकार बैंकों के माध्यम से देने की योजना बना रही है। नियमों के मुताबिक, बुढ़ापा पैंशन लेने वालों को न तो चैक बुक जारी की जाएगी और न ही ए.टी.एम. जारी किया जाएगा।

अगर कोई बुजुर्ग बीमार है तो यह बैंक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाएगी कि उसके घर जाकर पैंशन की राशि देकर आए। पहले से ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे बैंकों के लिए यह अलग से परेशानी पैदा होगी। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री जन धन योजना के खाते खोलने की सिरदर्दी बैंकों पर इतनी अधिक है कि करोड़ों खाते अभी भी लंबित पड़े हैं। कर्मचारियों की कमी और वर्कलोड के चलते कर्मचारियों पर मानसिक दबाव और तनाव काफी बढ़ा हुआ है। एक बैंक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार अपने खजाने को भरने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं कर रही जिससे बाकी कर्मचारियों को अधिक काम करना पड़ रहा है। जो पद रिक्त पड़े हैं उन पर भी कर्मचारियों को ही एडजस्ट किया जा रहा है जिससे उनका मानसिक दबाव बढ़ गया है।


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