गणतंत्र दिवस: जब फहरा दिया उलटा झंडा

punjabkesari.in Tuesday, Jan 27, 2015 - 03:49 PM (IST)

फरीदाबाद (सूरजमल) : मरीजों के इलाज में लापरवाही और दुर्व्यवहार किए जाने के आरोप आए दिन बादशाह खान अस्पताल में लगते रहे हैं। इन लापरवाहियों को लेकर अक्सर धरने प्रदर्शन भी किए जाते रहे हैं लेकिन अस्पताल द्वारा की जाने वाली लापरवाही की बानगी उस समय देखने को मिली जब सोमवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर अस्पताल के आला अधिकारी ने लापरवाही बरतते हुए राष्ट्रीय झंडे को उलटा लहरा दिया।

समारोह के बाद भी झंडा कई घंटों तक उलटा ही लहराता रहा। जानकारी के मुताबिक हर साल की तरह इस साल भी जिले के बादशाह खान अस्पताल में गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया।

सुबह राष्ट्रीय झंडा फहराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी समय पर अस्पताल पहुंच गए थे। उनके आने से पूर्व ही कर्मचारियों ने पुष्पों के साथ अस्पताल के पार्क में झंडा लगा दिया था। सुबह हो रही बरसात के कारण अधिकारी कुछ देर तक तो उसके रूकने का इंतजार करते रहे लेकिन बरसात को न रूकते देख स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी, कई डाक्टर और कर्मचारी छतरी लेकर पार्क में पहुंच गए।

जहां स्वास्थ्य अधिकारी ने लापरवाही बरतते हुए बिना देखे ही झंडे को लहरा दिया और आनन-फानन में वहां से चलते बने। अधिकारियों ने झंडे की तरफ देखने तक की जरूरत महसूस नहीं की कि झंडा सीधा है या उलटा। अधिकारियों के जाने के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने देखा कि झंडा उलटा फहरा रहा है।

मामले का पता चलने पर मीडिया कर्मियों द्वारा उल्टे झंडे की तस्वीरे खींचे जाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी गलती का अहसास हुआ। दोपहर करीब एक बजे के बाद उन्होंने झंडे को उतार कर दोबारा से सीधा लहराया। जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय झंडे को उलटा लहराने का मतलब उसका अपमान है।

उन्होंने बताया कि परवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 तहत राष्ट्रीय झंडे के बारे में पूरे मापदंड तय किए गए है। इन्हीं मापदंडों के तहत ही राष्ट्रीय झंडे को लहराया जा सकता है। इन नियमों की अहवेलना करना दंडानीय अपराध है। आरोप सिद्ध होने पर कारावास अथवा जुर्माने का प्रावधान है।


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